रिपोर्टर- वैभव चौधरी
धमतरी: जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों छोटी माता (चिकन पॉक्स) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। धमतरी शहर से सटे लोहरसी गांव में अब तक 50 से अधिक घरों के लोग इस संक्रामक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। बीमारी के बढ़ते असर को देखते हुए गांव की बैठक में इस बार होली का पर्व न मनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि संक्रमण पूरे गांव में न फैले।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को सिर्फ मौसमी संक्रमण बताकर गंभीरता से नहीं ले रहा है। ऐसे में गांववाले डॉक्टरों के पास जाने की बजाय बैगा-गुनिया और तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका बनी हुई है।
गांव में बढ़ता संक्रमण और अंधविश्वास
धमतरी जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर लोहरसी गांव में पिछले एक महीने से चिकन पॉक्स का संक्रमण लगातार फैल रहा है। ग्रामीणों में बीमारी को लेकर भय और अंधविश्वास दोनों बढ़ रहे हैं। लोग डॉक्टरी इलाज करवाने के बजाय झाड़-फूंक और पूजा-पाठ को प्राथमिकता दे रहे हैं।
गांव के प्रमुख लोगों ने मिलकर निर्णय लिया है कि इस बार होली का उत्सव नहीं मनाया जाएगा। यहां तक कि होलिका दहन भी नहीं किया जाएगा, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
ग्राम विकास समिति और ग्रामीणों की राय
हरिनाथ सिन्हा, अध्यक्ष ग्राम विकास समिति लोहरसी का कहना है कि गांव में बीमारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, ताकि हालात और न बिगड़ें।
चंद्रहास साहू, उपसरपंच ग्राम पंचायत लोहरसी ने भी बताया कि गांव के बड़े-बुजुर्गों की सलाह पर होली न मनाने का फैसला लिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और बढ़ता संकट
गौरतलब है कि लोहरसी के अलावा परसतराई और खरतुली गांवों में भी 100 से ज्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे सिर्फ वायरल संक्रमण बताकर गंभीरता से नहीं ले रहा है।
डॉ. यू. एल. कौशिक, सीएमएचओ धमतरी ने बताया कि यह एक सामान्य वायरल बीमारी है और दवा लेने से कुछ ही दिनों में मरीज ठीक हो सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की इस ढीली कार्यप्रणाली के कारण इलाज की बजाय ग्रामीण झाड़-फूंक पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं, जिससे बीमारी तेजी से फैल रही है।