🔴 मुख्य बिंदु:
- भारतीय वायुसेना ने शिवांगी सिंह की गिरफ्तारी की खबर को झूठा बताया
- यह फर्जी खबर पाकिस्तान की एक सोची-समझी प्रोपेगेंडा रणनीति का हिस्सा है
- सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो भी फेक निकला
- IAF ने जनता से की अपील—”झूठी खबरों पर विश्वास न करें”
✈️ भारतीय वायुसेना का स्पष्टीकरण: शिवांगी सिंह की गिरफ्तारी की खबर झूठी
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक फर्जी दावा वायरल हुआ, जिसमें कहा गया कि भारतीय वायुसेना की महिला पायलट स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह को पाकिस्तान ने पकड़ लिया है। दावा किया गया कि उनका राफेल विमान मार गिराया गया और उन्हें सियालकोट के पास हिरासत में लिया गया।
भारतीय वायुसेना ने इस दावे को पूरी तरह फर्जी और भ्रामक प्रोपेगेंडा करार दिया है। वायुसेना ने कहा कि यह खबर पाकिस्तान द्वारा जानबूझकर फैलाई जा रही है ताकि भ्रम फैलाया जा सके।
👩✈️ कौन हैं शिवांगी सिंह?
शिवांगी सिंह भारतीय वायुसेना की पहली महिला पायलट हैं जिन्हें राफेल जैसे अत्याधुनिक फाइटर जेट उड़ाने का मौका मिला।
- जन्मस्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश
- प्रेरणा: 9 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एयरफोर्स म्यूजियम की यात्रा से पायलट बनने का सपना देखा
- वायुसेना में प्रवेश: वर्ष 2017 में MiG-21 बायसन से की शुरुआत
- राफेल पायलट चयन: 2020 में कठिन प्रशिक्षण के बाद बनीं राफेल उड़ाने वाली पहली महिला
- स्क्वाड्रन: गोल्डन एरो स्क्वाड्रन, अंबाला एयरफोर्स स्टेशन
- अंतरराष्ट्रीय पहचान: फ्रांस में आयोजित ओरियन वॉरगेम जैसे अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व किया
उनकी उपलब्धियां उन्हें देश की बेटियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक बनाती हैं।
🎥 फर्जी वीडियो और अफवाह की सच्चाई
पाकिस्तानी मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म्स पर एक वीडियो वायरल किया गया जिसमें यह दिखाने की कोशिश की गई कि एक भारतीय पायलट को पकड़ लिया गया है।
- वीडियो में दिखाई गई महिला का शिवांगी सिंह से कोई संबंध नहीं था
- वीडियो पुराना और असंबंधित था
- कुछ पाकिस्तानी हैंडल्स ने जानबूझकर शिवांगी सिंह का नाम जोड़कर भ्रम फैलाने का प्रयास किया
भारतीय वायुसेना ने से तुरंत सफाई देते हुए इन खबरों को ‘फेक’ और ‘भ्रामक’ बताया और जनता से अपील की कि वे ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें।

⚠️ भारत-पाकिस्तान युद्ध में सूचना युद्ध की भूमिका
इस संघर्ष के बीच ‘इन्फॉर्मेशन वॉर’ यानी सूचना युद्ध का एक नया रूप देखने को मिल रहा है, जिसमें झूठी खबरों और एडिटेड वीडियोज़ के जरिए लोगों की सोच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है।
- प्रोपेगेंडा रणनीति: झूठी खबरें फैलाकर भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश
- जनजागरूकता की ज़रूरत: आम नागरिकों से अपील है कि वे सिर्फ प्रामाणिक स्रोतों से ही जानकारी लें
- सरकारी प्रयास: भारतीय रक्षा संस्थान इस तरह की अफवाहों पर फैक्ट-चेकिंग और त्वरित खंडन के ज़रिए रोक लगा रहे हैं
🇮🇳 आगे क्या?
जैसे-जैसे भारत-पाकिस्तान संघर्ष बढ़ता जा रहा है, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां न केवल सीमा पर सतर्क हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी फेक न्यूज और अफवाहों के खिलाफ सक्रिय हैं।
शिवांगी सिंह की बहादुरी और उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि भारत की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। वे सिर्फ युद्ध क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि अफवाहों और मानसिक युद्ध के खिलाफ भी सशक्त और प्रेरणास्रोत हैं।





