BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने पार्टी के साथ अपने मतभेदों की बात स्वीकार करते हुए कहा है कि वह इन विषयों पर आंतरिक स्तर पर चर्चा करेंगे। हाल के दिनों में थरूर और कांग्रेस के बीच बनते हुए तनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में पहले से ही अटकलें लगाई जा रही थीं।
गौरतलब है कि विदेश यात्रा पर जाने वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में थरूर को सरकार की ओर से प्रतिनिधि बनाए जाने के बाद, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपनी नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि कांग्रेस ने उनका नाम उस प्रतिनिधिमंडल के लिए प्रस्तावित नहीं किया था।
थरूर ने क्या कहा?
पत्रकारों से बातचीत में थरूर ने कहा:
“मैं 16 वर्षों से कांग्रेस का हिस्सा हूं। कुछ मामलों में पार्टी से मेरे मतभेद हैं, लेकिन उन मुद्दों पर मैं पार्टी के भीतर चर्चा करना पसंद करूंगा। अभी इस पर विस्तार से बोलने का समय नहीं है। जब जरूरत होगी, मैं अपनी बात रखूंगा।”
थरूर ने यह भी जोड़ा कि पीएम के साथ उनकी मुलाकात सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से जुड़ी औपचारिक चर्चा तक सीमित थी।
पीएम मोदी की तारीफों से उठे सवाल
शशि थरूर अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते रहे हैं, जिससे उनके भाजपा से नजदीक आने की अटकलें भी तेज हुई हैं। उन्होंने एस. जयशंकर को दोबारा विदेश मंत्री बनने पर और अश्विनी वैष्णव के रेल मंत्री बनने पर सार्वजनिक रूप से प्रसन्नता व्यक्त की थी।
इतना ही नहीं, 2016 और 2019 की सर्जिकल स्ट्राइक का ज़िक्र करते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष भी मजबूती से रखा, जिससे कुछ कांग्रेस नेताओं जैसे उदित राज ने नाराजगी जताई थी और उन्हें “बीजेपी का सुपर प्रवक्ता” तक कह डाला था।
जब पीएम मोदी ने खुद दिए थे इशारे
मई 2025 की शुरुआत में जब पीएम मोदी केरल के विझिनजम पोर्ट के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए, तो शशि थरूर भी वहां मौजूद थे। मंच पर दोनों नेताओं के हाथ मिलाने और परस्पर सौहार्दपूर्ण व्यवहार को लेकर खूब चर्चा हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने हँसते हुए कहा था:
“आज का यह कार्यक्रम कुछ लोगों की नींद उड़ा देगा।”
इस टिप्पणी को भी शशि थरूर से जोड़कर देखा गया।
शशि थरूर की कांग्रेस से असहमति की बात कोई नई नहीं है, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने इसे और भी स्पष्ट कर दिया है। हालांकि उन्होंने भाजपा में जाने की किसी भी अटकल से इनकार किया है, फिर भी उनके रुख और बयानों ने राजनीतिक हलकों में संभावनाओं के कई दरवाजे खोल दिए हैं।