जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों और 4 आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह झड़प पहले कुलगाम में शुरू हुई, जिसके बाद आतंकवादी शोपियां के जंगलों में छिप गए। सेना और अर्धसैनिक बलों ने करीब दो घंटे तक आतंकियों को ढूंढने का प्रयास किया। खुफिया सूचनाओं के आधार पर सुरक्षाबलों ने उन्हें घेर लिया।
यह मुठभेड़ क्यों महत्वपूर्ण है?
यह ऑपरेशन भारत की सख्त कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुआ है, जो पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे) के जवाब में किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की तरह देखा जाएगा और इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
मुख्य घटनाक्रम:
- खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने आतंकियों का पता लगाया।
- पीएम मोदी ने कहा: “आतंकवाद के पोषकों और आतंकियों में कोई अंतर नहीं।”
- भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने गोलाबारी की।
भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने तीन स्पष्ट नीतियों की घोषणा की:
- आतंकी हमलों का सख्त जवाब दिया जाएगा।
- परमाणु ब्लैकमेल को नहीं माना जाएगा।
- आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
10 मई को युद्धविराम की घोषणा के बावजूद, भारतीय सुरक्षाबल सतर्क हैं। शोपियां की यह मुठभेड़ दर्शाती है कि आतंकी खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन भारत उन्हें खत्म करने के लिए तैयार है।
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