राजस्थान के टोंक में एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए भारी पुलिस बल के साथ पहुंची। पुलिस ने मीडिया के सामने ही नरेश मीणा को गिरफ्तार किया। इस दौरान आरोपी नरेश मीणा पहले सरेंडर से इंकार करता रहा। आरोपी का कहना था कि, पहले उसकी मांग पूरी की जाए उसके बाद वो सरेंडर करेगा, लेकिन पुलिस बल के कारण आरोपी ने सरेंडर कर दिया। नरेश मीणा ने कहा कि, वो डरेंगे नहीं, पीछे नहीं हटेंगे।
आरोपी के समर्थकों ने किया विरोध
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद उसके समर्थकों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। समर्थकों ने हाईवे जाम करते हुए, पत्थरबाज़ी की। इस दौरान पुलिस और नरेश मीणा के समर्थकों के बीच ज़ोरदार झड़प हुई। नरेश के समर्थकों ने सड़कों पर ट्रक के टायर रखकर आग लगा दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, और लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों से झड़प के दौरान 10 पुलिस कर्मी भी घायल हो गए।
क्या है पूरा मामला
राजस्थान के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा का एक वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वो एसडीएम को थप्पड़ मारते नज़र आ रहे थे। मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। नरेश देवली उनियारा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी थे। उन्होंने एसडीएम पर फर्ज़ी मतदान करवाने का आरोप लगाया, जिस दौरान दोनों के बीच झूमाझटकी हुई।
एसडीएम को थप्पड़ मारने पर कितनी सज़ा
भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 के तहत अगर कोई शख्स किसी सरकारी कर्मचारी पर ड्यूटी के दौरान हाथ उठाता है तो, दोषी को दो साल की जेल, जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।





