भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इन दिनों चीन दौरे पर हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग (Han Zheng) से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली, और वैश्विक परिदृश्य पर साझा दृष्टिकोण को लेकर अहम बातें साझा कीं।
हान झेंग से मुलाकात: क्या बोले जयशंकर?
बीजिंग पहुंचने के कुछ घंटों के भीतर ही जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा:
“भारत-चीन संबंधों का सामान्य और स्थिर बने रहना दोनों देशों के लिए लाभकारी है।”
जयशंकर ने यह भी कहा कि वर्तमान जटिल अंतरराष्ट्रीय माहौल में भारत और चीन जैसे पड़ोसी देशों के बीच खुले विचार-विमर्श और संवाद की बड़ी आवश्यकता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का जिक्र
- जयशंकर ने अपनी बात रखते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली का मुद्दा उठाया।
- उन्होंने कहा कि भारत में इस यात्रा की व्यापक सराहना की जा रही है।
- इस पहल को दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव का एक मजबूत संकेत बताया गया।
भारत-चीन संबंधों पर टिप्पणी
जयशंकर ने अपनी बातचीत में यह भी बताया कि:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछली मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
- इस यात्रा का मकसद इन संबंधों को और मजबूत करना है।
उन्होंने भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ का भी जिक्र किया और इसे ऐतिहासिक अवसर बताया।
सोशल मीडिया पर जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए बताया:
- उन्होंने चीन द्वारा SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की अध्यक्षता में किए गए कार्यों का समर्थन किया।
- दोनों देशों के संबंधों में सुधार की दिशा में चर्चा को सकारात्मक बताया।
Pleased to meet Vice President Han Zheng soon after my arrival in Beijing today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
Conveyed India’s support for China’s SCO Presidency.
Noted the improvement in our bilateral ties. And expressed confidence that discussions during my visit will maintain that positive trajectory. pic.twitter.com/F8hXRHVyOE
तीन हफ्ते पहले राजनाथ सिंह की चीन यात्रा
जयशंकर की यह यात्रा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन यात्रा के कुछ ही हफ्तों बाद हो रही है। राजनाथ सिंह ने SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए किंगदाओ शहर का दौरा किया था। यह चीन की ओर से होस्ट किया गया था क्योंकि वह इस समय SCO का अध्यक्ष है।
गलवान संघर्ष के बाद पहली यात्रा
गौरतलब है कि यह जयशंकर की पहली चीन यात्रा है, जो 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद हो रही है। उस झड़प के बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव था।
हालांकि पिछले कुछ महीनों में:
- दोनों देशों ने सीमा वार्ता को आगे बढ़ाया है।
- सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर सहज संबंध बहाल करने की दिशा में पहल की गई है।
संबंध सुधार की दिशा में एक और कदम
जयशंकर की यह यात्रा भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिशों में एक अहम कड़ी है। खासकर धार्मिक यात्रा जैसे मुद्दों पर चर्चा से यह संकेत मिलता है कि दोनों देश सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक स्तर पर संवाद बढ़ाने को तैयार हैं।