दुनिया भर में सबसे ज्यादा चीन खरीद रहा सोना, भर रहा भंडार
Concept: R P Shrivastava, Report: Vijay Nandan
“जेब में पैसा और गले में सोना” यह कहावत कभी भारतीय समाज में आम आदमी की समृद्धि का प्रतीक मानी जाती थी। लेकिन आजकल, बढ़ती सोने की कीमतों ने इसे एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बना दिया है। सोने की चमक अब केवल गहनों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह निवेशकों और आम लोगों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गई है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ: वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर आकर्षित किया है। सोना पारंपरिक रूप से एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिससे इसकी मांग और कीमतों में वृद्धि हुई है।
- चीन की सोने की खरीदारी: चीन ने हाल के वर्षों में सोने के भंडार में वृद्धि की है, जिससे वैश्विक सोने की आपूर्ति पर दबाव पड़ा है। यह कदम चीन की सोने के बाजार पर प्रभुत्व स्थापित करने की योजना का हिस्सा है, जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है।
- डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी: डॉलर की मजबूती और भारतीय रुपये की कमजोरी ने आयातित सोने की कीमतों को बढ़ा दिया है, जिससे घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है।
- त्योहारों और शादी के मौसम में मांग में वृद्धि: भारत में त्योहारों और शादियों के मौसम में सोने और चांदी की मांग में वृद्धि होती है, जिससे कीमतों में अस्थायी वृद्धि देखी जाती है।

शेयर बाजार में गिरावट के साथ सोने की कीमतों में वृद्धि
जब भी शेयर बाजार में गिरावट आती है, निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करते हैं। यह मांग में वृद्धि सोने की कीमतों को ऊपर ले जाती है। उदाहरण के लिए, 2025 में सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 3% की गिरावट आई, जबकि सोने और चांदी की कीमतों में लगभग 50% की वृद्धि हुई।

निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में सोने में निवेश करते समय सतर्कता बरतनी चाहिए। कुछ विशेषज्ञों ने इसे एक “जाल” के रूप में वर्णित किया है, जिसमें निवेशकों को फंसने से बचना चाहिए। हालांकि, दीर्घकालिक निवेश के दृष्टिकोण से सोना अभी भी एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है, लेकिन निवेशकों को बाजार की स्थितियों और वैश्विक संकेतकों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।
अगले साल सोने की कीमत कितनी बढ़ सकती है?
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल तक सोने के दाम $5,000 प्रति औंस तक पहुंच सकते हैं। मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से यह भारत में लगभग ₹1,55,000 प्रति 10 ग्राम के बराबर होगा। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो वर्तमान की तुलना में सोने में और अधिक तेजी देखने को मिल सकती है।
इस हफ्ते सोने और चांदी के दामों में तेज़ी देखने को मिली है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले शनिवार यानी 20 सितंबर को सोने का भाव ₹1,09,775 प्रति 10 ग्राम था, जो अब 27 सितंबर तक बढ़कर ₹1,13,262 हो गया। यानी केवल एक हफ्ते में सोने की कीमत में ₹3,487 की वृद्धि हुई है।
चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड स्तर पर
वहीं, चांदी की बात करें तो पिछले शनिवार यह ₹1,28,000 प्रति किलोग्राम थी, जो अब ₹1,38,100 तक पहुंच गई है। यह चांदी का अब तक का ऑल टाइम हाई माना जा रहा है। इस हफ्ते चांदी के दाम में कुल ₹10,100 की बढ़ोतरी हुई है।