BY: MOHIT JAIN
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 9 से 10 अक्टूबर तक ऑस्ट्रेलिया की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। यह यात्रा ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के निमंत्रण पर हो रही है। यह मोदी सरकार में रक्षा मंत्री की ऑस्ट्रेलिया की पहली यात्रा होगी और भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जा रही है।
दौरे का मुख्य एजेंडा

इस यात्रा में दोनों देश इंफॉर्मेशन शेयरिंग, समुद्री सुरक्षा और संयुक्त रक्षा सहयोग को मजबूत करने वाले तीन अहम समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इन समझौतों से द्विपक्षीय रक्षा समन्वय और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सिडनी में व्यापारियों के साथ गोलमेज सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे, जिसमें दोनों देशों के रक्षा उद्योग प्रतिनिधि औद्योगिक सहयोग और प्रौद्योगिकी साझेदारी के अवसर तलाशेंगे।
पूर्व दौरे और ऐतिहासिक संदर्भ
2014 से पहले ए.के. एंटनी ही भारत के आखिरी रक्षा मंत्री थे, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। उनके दौरे के दौरान समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता पर चर्चा हुई थी।
राजनाथ सिंह का यह दौरा 2006 के रक्षा सहयोग MoU और 2009 की संयुक्त सुरक्षा घोषणा पर आधारित है और इन सहयोगों को और मजबूत करने की उम्मीद है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम, पोत यात्राएं और क्षमता निर्माण पहलें लगातार बढ़ रही हैं। इन रिश्तों के पीछे प्रशांत सागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को भी एक वजह माना जाता है।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री मार्लेस ने जून 2025 में भारत का दौरा किया था, जिसमें दोनों देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर गति पर जोर दिया।