BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया कि देश के कुछ राज्यों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां पाई गई हैं, जिससे चुनाव की विश्वसनीयता पर असर पड़ा है। राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब कुछ राज्यों में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं।
वोटर लिस्ट में ‘रहस्यमय’ वोटर्स?
राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता में कहा कि “संविधान का मूल आधार मताधिकार है, लेकिन यदि सही लोगों को वोट डालने का अवसर नहीं मिला या फर्जी नाम जोड़े गए, तो यह लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं, जहां “करीब 40 लाख वोटर्स रहस्यमय रूप से सूची में दर्ज पाए गए।”
चुनाव आयोग से मांगा स्पष्टीकरण
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग से कई बार डेटा मांगा, लेकिन न तो उन्हें कोई जानकारी दी गई और न ही स्पष्ट जवाब मिला।
राहुल ने पूछा, “अगर वोटिंग प्रक्रिया निष्पक्ष है, तो चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटर डेटा साझा करने से क्यों हिचक रहा है?”
सवाल भाजपा की स्थिति पर भी
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आमतौर पर सत्ता-विरोधी लहर देखने को मिलती है, लेकिन “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ही ऐसी पार्टी है जो इस लहर से अप्रभावित नजर आती है।”
उन्होंने कहा कि हालिया चुनावों जैसे हरियाणा और मध्य प्रदेश में एग्जिट पोल और जनमत सर्वेक्षण के नतीजे वास्तविक चुनाव परिणामों से काफी भिन्न थे।
“हमारा आंतरिक सर्वेक्षण, जो अत्यधिक परिष्कृत है, एक अलग दिशा में संकेत देता है, लेकिन नतीजे इससे बिल्कुल उलट निकलते हैं,” उन्होंने कहा।
फर्जी वोटिंग पर गंभीर चिंता
राहुल गांधी का यह बयान उस समय आया है जब विपक्षी दलों की ओर से बार-बार ईवीएम की पारदर्शिता, वोटर लिस्ट की सटीकता, और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से डेटा साझा नहीं करता, तब तक जनता का भरोसा बहाल करना कठिन है।