कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार, 24 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले का दौरा किया। यह यात्रा उन स्थानीय निवासियों से मिलने और संवेदना प्रकट करने के उद्देश्य से की गई थी, जो हाल ही में पाकिस्तान की ओर से हुई क्रॉस-बॉर्डर फायरिंग का शिकार बने हैं।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य पीड़ित परिवारों को यह संदेश देना था कि विपक्ष उनके साथ खड़ा है और उनका दर्द सुना जा रहा है।
🔶 राहुल गांधी की यात्रा का उद्देश्य
कांग्रेस पार्टी ने साफ किया है कि राहुल गांधी का यह दौरा राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय सहानुभूति पर आधारित है।
जयराम रमेश, AICC महासचिव ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा:
“लोकसभा में विपक्ष के नेता श्री @RahulGandhi 24 मई को पुंछ का दौरा करेंगे। वह उन परिवारों से मिलेंगे जिन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की गोलीबारी में अपनों को खोया है। इससे पहले वह 25 अप्रैल को श्रीनगर के पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों से भी मिले थे और उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से भी चर्चा की थी।”
🔷 मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राहुल गांधी के दौरे की पुष्टि की और इसे सराहनीय कदम बताया। उन्होंने कहा:
“हां, राहुल गांधी पुंछ आएंगे। वह स्थानीय लोगों से मिलकर अपनी संवेदनाएं प्रकट करेंगे। मैं तृणमूल कांग्रेस (TMC) का भी धन्यवाद देता हूं, जिनके पांच सदस्य पहले ही पुंछ और राजौरी का दौरा कर चुके हैं। यह दिखाता है कि कठिन समय में कुछ लोग हमारे साथ खड़े हैं।”
उन्होंने आगे कहा:
“एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है कि वह लोगों तक पहुँचे, उनकी समस्याएं सुने और समाधान की कोशिश करे। हमने कभी नहीं कहा कि सारी समस्याएं तुरंत हल हो जाएंगी, लेकिन हमने ये जरूर कहा है कि हम हर आवाज़ को सुनेंगे और उस पर काम करेंगे।”
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🔶 ग्राउंड रिपोर्ट: पुंछ और राजौरी में हालात
📌 हालिया घटनाक्रम:
- पाकिस्तान की ओर से की गई अकारण फायरिंग में पुंछ और राजौरी जिले प्रभावित हुए हैं।
- कई लोगों की मौत हुई है, कई घायल हुए हैं और दर्जनों परिवारों के घर और आजीविका को नुकसान पहुंचा है।
📌 सरकार की प्रतिक्रिया:
- जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मारे गए लोगों के परिजनों को ₹10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है।
🔷 विपक्ष की भूमिका: सहानुभूति और सक्रियता
राहुल गांधी का यह दौरा यह दर्शाता है कि विपक्ष की जिम्मेदारी सिर्फ आलोचना करना नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत को समझना और पीड़ितों के साथ खड़ा होना भी है।
इस यात्रा से यह संकेत मिलता है कि विपक्ष के नेता कश्मीर घाटी के लोगों की पीड़ा को लेकर सजग हैं और सरकार पर आवश्यक दबाव डालना चाहते हैं कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से ले।
🔶 भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव: एक नजर में
विषय | विवरण |
---|---|
हालिया फायरिंग | पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी |
प्रभावित जिले | पुंछ और राजौरी |
नुकसान | जान-माल की हानि, घर तबाह, रोजगार प्रभावित |
सरकारी सहायता | ₹10 लाख मुआवजा, स्थानीय प्रशासन सक्रिय |
🔷 क्या कहती है जनता?
स्थानीय निवासी इस दौरे को सकारात्मक संकेत मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब नेता खुद आकर हालात देखेंगे, तभी सही निर्णय लिए जा सकते हैं।
एक स्थानीय किसान ने बताया:
“हमने सब कुछ खो दिया—मकान, मवेशी, फसलें। राहुल गांधी जैसे नेता का आना हमारे लिए उम्मीद की किरण है।”
🔶 निष्कर्ष: राजनीति से ऊपर उठकर संवेदना
राहुल गांधी का पुंछ दौरा केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव और संवेदना का प्रतीक है। यह यात्रा ना सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश है, बल्कि देशभर के राजनीतिक वर्ग को यह संदेश भी देती है कि जनता से जुड़ाव ही राजनीति की असली पहचान है।