BY: Yoganand Shrivastva
भारत और रूस के संबंधों में मजबूती की एक और मिसाल उस समय देखने को मिली जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान पुतिन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की तीव्र निंदा की और निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरा दुख जताया।
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा रूस
रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में रूस उसके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि ऐसे अमानवीय हमलों के पीछे जिम्मेदार लोगों और उनके समर्थकों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। पुतिन ने इस बात को भी दोहराया कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की जरूरत है और इसमें रूस भारत के साथ खड़ा रहेगा।
विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि इस बातचीत में दोनों नेताओं ने भारत-रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई। उन्होंने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर संवाद और साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रण
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्रपति पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। साथ ही, उन्होंने साल के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पुतिन को आमंत्रित किया।
यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ रहा है और देश में आतंकी गतिविधियों को लेकर चिंता बनी हुई है।
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