पूर्वी चंपारण: पत्नी के त्याग और मेहनत की बदौलत जिंदगी में संपन्नता लाने वाले एक रिटायर्ड पंचायत सेवक ने पूर्वी चंपारण में अनोखा काम किया है। अपनी पत्नी की याद में 60 लाख रुपये की लागत से मंदिर बनवाकर समाज के सामने प्रेम की मिसाल पेश की है।
पत्नी की याद में बना मंदिर
कल्याणपुर प्रखंड के मधुचाई गांव के बाल किशुन राम ने अपनी पत्नी शारदा देवी की याद में एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया है। इस मंदिर में पत्नी की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसका उद्घाटन बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री राजू सिंह ने किया। मंदिर का निर्माण करीब तीन महीने में पूरा हुआ और इसमें बाल किशुन ने अपनी रिटायरमेंट की पूरी रकम खर्च कर दी।

पत्नी के बल पर पढ़ाई और नौकरी
बाल किशुन बताते हैं कि गरीबी के कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई थी। शादी के बाद पत्नी शारदा देवी ने उन्हें फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उनकी मेहनत और समर्थन से ही वह पंचायत सेवक की नौकरी पाने में सफल हुए। पत्नी के अचानक निधन के बाद उन्होंने उसकी याद में यह मंदिर बनवाने का फैसला किया।
“पत्नी मेरी लक्ष्मी थी”
बाल किशुन कहते हैं, “मेरी पत्नी मेरे लिए लक्ष्मी स्वरूप थी। उसके बिना मैं कुछ भी नहीं था। इस मंदिर के जरिए मैं उसके प्रेम और त्याग को अमर करना चाहता हूं।”
समाज के लिए मिसाल
पर्यटन मंत्री राजू सिंह ने इस मंदिर को पति-पत्नी के प्यार की अनोखी मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर लोगों को प्रेम और समर्पण की सीख देगा।