जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। तमाम राजनीतिक पार्टियों ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं लिहाजा राजनीतिक उठापटक भी तेज है। चुनावी तैयारियों को लेकर बात भाजपा कांग्रेस पीडीपी नेशनल कॉन्फ्रेंस या अन्य दलों की करें तो सभी ने अपनी जमावट तेज कर दी है।
इसी क्रम में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस में गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच भाजपा ने धुरंधर नेता राम माधव को जी किशन रेड्डी के साथ चुनाव प्रभारी बनाया है। जम्मू-कश्मीर में 2015 में पहली बार पीडीपी के साथ सरकार की पटकथा लिखने में राम माधव की अहम भूमिका रही है। माना जा रहा है कि उनके अनुभवों के आधार पर उन्हें दोबारा जम्मू-कश्मीर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। माधव लंबे समय से जम्मू कश्मीर की राजनीति से जुड़े रहे हैं। पीडीपी और भाजपा के बीच गठबंधन के साथ अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर माधव की अहम भूमिका रही है।
उधर नेशनल फॉन्फ्रेंस ने मंगलवार को अपने घोषणापत्र का ऐलान किया, जिसमें 12 गारंटी दी गई हैं। इनमें अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा तथा वर्ष 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का क्रियान्वयन शामिल है। बीजेपी ने एनसी के घोषणा पत्र को राष्ट्रविरोधी बताया है। एनसी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी केवल वही वादे कर रही है, जिन्हें वह पूरा कर सकती है। उन्होंने घोषणापत्र को एनसी का विजन डॉक्यूमेंट और शासन का रोडमैप बताया। घोषणापत्र में 12 व्यापक वादे किए गए हैं, जिनमें 2000 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव के पूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रयास करना शामिल है।
बात कांग्रेस नेताओं के दौरे की करें तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दो दिन के दौरे पर बदलाव हुआ है। दोनों नेता आज जम्मू और कल याने 22 अगस्त को श्रीनगर में रहेंगे। वे नेताओं से चुनावी तैयारियों पर बातचीत करेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। सूत्रों का दावा है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के साथ राहुल गांधी की बैठक भी हो सकती है। पार्टी को उम्मीद है कि बैठक में गठबंधन का रास्ता साफ हो सकता है। ये तो हुई राजनीतिक दलों और उनकी तैयारियों की बात। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।