BY: MOHIT JAIN
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का नया 4G नेटवर्क लॉन्च करेंगे। यह नेटवर्क पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर तैयार किया गया है और देशभर में 98,000 साइटों पर रोलआउट किया जाएगा।
इस पहल से भारत उन कुछ देशों में शामिल होगा जो अपनी टेलिकॉम तकनीक खुद विकसित करते हैं। डेनमार्क, स्वीडन, साउथ कोरिया और चीन के बाद भारत पांचवां देश बन गया है।
गांव-शहर हर जगह तेज 4G इंटरनेट

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस ऐतिहासिक कदम को साझा करते हुए कहा कि BSNL ने पूरी तरह से देसी 4G तकनीक विकसित की है।
- नेटवर्क 98,000 जगहों पर उपलब्ध होगा।
- डिजिटल इंडिया मिशन के तहत, भारत का हर कोना 4G नेटवर्क से जुड़ जाएगा।
- चाहे पहाड़ हों, जंगल हों या दूरदराज के गांव, सभी स्थानों पर तेज इंटरनेट मिलेगा।
सिंधिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा: “शनिवार को प्रधानमंत्री दो ऐतिहासिक इनिशिएटिव अनवील करेंगे, जिसमें BSNL का नया 4G नेटवर्क शामिल है।”
BSNL के ग्राहक लगातार घट रहे हैं
हालांकि BSNL अब 4G लॉन्च करने जा रहा है, लेकिन हाल के आंकड़े इसकी चुनौती को भी दिखाते हैं। जुलाई 2025 के डेटा के अनुसार:
- BSNL के ग्राहक जुलाई में 1.01 लाख कम हुए।
- MTNL के ग्राहक भी घटे।
- पब्लिक सेक्टर टेलिकॉम कंपनियों का बाजार हिस्सा 8% से भी कम रह गया।
वहीं, प्राइवेट कंपनियां जैसे जियो और एयरटेल लगातार नए ग्राहक जोड़ रही हैं।
- जियो ने जुलाई में 4.83 लाख नए ग्राहक जोड़े।
- एयरटेल ने 4.64 लाख नए ग्राहक जोड़े।
- वोडाफोन आइडिया के ग्राहकों में गिरावट हुई।
BSNL एयरटेल और जियो से पीछे
प्रधानमंत्री मोदी ने 6G नेटवर्क का रोडमैप पहले ही लॉन्च कर दिया है, और भारत 2030 तक 6G सेवा शुरू करने की तैयारी में है।
BSNL अब 4G के साथ 5G सेवा लॉन्च करने की योजना बना रहा है। जनवरी 2023 में केंद्रीय IT और टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि BSNL अप्रैल 2024 तक अपनी 5G सेवा शुरू कर देगा।
इसके बावजूद, निजी कंपनियां जैसे एयरटेल और जियो अक्टूबर 2022 में ही भारत में 5G सेवा शुरू कर चुकी हैं।
BSNL की धीमी प्रगति के कारण
BSNL की पिछड़ी स्थिति के कई कारण हैं:
- 2000 में स्थापना के बाद भी मोबाइल सेवा शुरू करने के लिए सरकारी सहमति नहीं मिली।
- 2006-2012 के बीच BSNL की क्षमता सीमित रही, जबकि निजी कंपनियां तेजी से आगे बढ़ीं।
- नेटवर्क कंजेशन और तकनीकी समस्याओं के कारण ग्राहक प्राइवेट ऑपरेटर्स की ओर चले गए।
- 3G स्पेक्ट्रम नीलामी में BSNL ने समय पर भाग नहीं लिया।
- 4G स्पेक्ट्रम नीलामी में भी BSNL को शामिल नहीं किया गया, जिससे वह पीछे रह गया।
- लैंडलाइन ग्राहकों में लगातार गिरावट हुई: 2006-07 में 3.8 करोड़ थे, जो 2014-15 में घटकर 1.6 करोड़ रह गए।
इन सब कारणों से BSNL अब 4G लॉन्च कर रहा है, जबकि निजी कंपनियां 5G और 6G की तैयारी में हैं।
इस नए 4G नेटवर्क के साथ BSNL उम्मीद करता है कि वह ग्रामीण और शहरी भारत में तेज इंटरनेट सेवा प्रदान कर सकेगा और देश की डिजिटल सशक्तिकरण योजना में अहम योगदान देगा।