उत्तराखंड के रहने वाले एक परिवार ने पंचकूला में आर्थिक तंगी और कर्ज के चलते सामूहिक आत्महत्या कर ली। इस हृदय विदारक घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। आइए जानते हैं इस दर्दनाक मामले की पूरी कहानी।
📍 क्या है पूरा मामला?
हरियाणा के पंचकूला शहर में सोमवार देर रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। उत्तराखंड के एक ही परिवार के सात सदस्यों ने एक कार में जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
घटना पंचकूला के सेक्टर-27 की है, जहां देहरादून नंबर की कार में सभी शव मिले।
मृतकों में कौन-कौन शामिल थे?
- प्रवीन मित्तल (व्यवसायी)
- देशराज मित्तल (पिता)
- प्रवीन की पत्नी
- तीन मासूम बच्चे
- एक बुजुर्ग महिला
🚨 कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को सोमवार रात करीब 11 बजे डायल 112 पर सूचना मिली कि सेक्टर-27 में एक कार के अंदर लोग अचेत अवस्था में हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि कार में 6 लोग अचेत थे, जिन्हें सेक्टर-26 के एक निजी अस्पताल ले जाया गया।
वहीं, एक अन्य व्यक्ति घर से बाहर निकलते हुए तड़पता मिला, जिसे सेक्टर-6 के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी भी मौत हो गई।
📄 पुलिस जांच में क्या आया सामने?
पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर बताया कि मृतक प्रवीन मित्तल ने देहरादून में टूर एंड ट्रैवल बिजनेस शुरू किया था। लेकिन कारोबार में घाटा होने से वह बुरी तरह कर्ज में डूब गया था।
आत्महत्या का कारण:
- भारी कर्ज का बोझ
- व्यापार में भारी नुकसान
- परिवार की आर्थिक हालत बदतर
माना जा रहा है कि इसी मानसिक दबाव के चलते परिवार ने सामूहिक आत्महत्या का कठोर कदम उठाया।
📌 मौके पर पहुंचे अधिकारी
सूचना मिलते ही डीसीपी हिमाद्रि कौशिक समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। एफएसएल टीम और क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं।
क्या मिला कार में?
- सुसाइड नोट जिसमें आर्थिक तंगी का जिक्र
- ज़हर की बोतलें
- पारिवारिक फोटो
📣 इलाके में मातम, पूरे शहर में सनसनी
इस सामूहिक आत्महत्या की खबर से पंचकूला समेत देहरादून और हरियाणा में शोक की लहर है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का कहना है कि परिवार पिछले कुछ समय से परेशान था लेकिन किसी को अंदाज़ा नहीं था कि वे ऐसा कठोर कदम उठाएंगे।
📊 भारत में बढ़ते कर्ज और पारिवारिक आत्महत्याएं
यह घटना भारत में कर्ज और आर्थिक दबाव के चलते हो रही आत्महत्याओं की बढ़ती समस्या की एक और कड़ी बन गई है। NCRB के आंकड़ों के अनुसार:
- हर साल हजारों लोग कर्ज और बेरोजगारी के चलते आत्महत्या कर लेते हैं।
- व्यापार में घाटा आत्महत्याओं का प्रमुख कारण बनता जा रहा है।
❗ क्या कहती है कानून व्यवस्था?
पुलिस ने धारा 174 CrPC के तहत मामला दर्ज कर लिया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। साथ ही:
- सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग जांच
- फोन कॉल और बैंकिंग रिकॉर्ड की स्क्रूटनी
- देहरादून में भी जांच की तैयारी
🧠 क्या सीखा जा सकता है इस घटना से?
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि मानसिक स्वास्थ्य और आर्थिक तनाव को लेकर समाज में संवाद की कितनी ज़रूरत है। सरकार और समाज को चाहिए कि:
- कर्ज में डूबे परिवारों की पहचान कर समय रहते मदद पहुंचे।
- मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग और वित्तीय सलाह सुलभ हो।
- समुदाय और रिश्तेदारों को भी जागरूक किया जाए ताकि समय रहते हस्तक्षेप हो सके।
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