पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बार फिर आतंक ने अपना कहर बरपाया है। नॉर्थ वज़ीरिस्तान के मीर अली इलाके में सेना के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 29 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस हमले ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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कहां हुआ हमला? जानिए पूरा घटनाक्रमहमले की जिम्मेदारी किसने ली?पाकिस्तान का रवैया: आतंकी साजिश पर पर्दा, भारत पर आरोपपाकिस्तान की आतंरिक स्थिति: आतंक का अड्डा बनता वेस्टर्न बॉर्डरअफगानिस्तान की भूमिका: तालिबान के सत्ता में आने के बाद हालात बदतरCPEC पर भी खतरा, चीन भी चिंतितपाकिस्तान की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन और संभावित एयरस्ट्राइक्सनिष्कर्ष: पाकिस्तान के लिए चेतावनी और भारत की सख्त प्रतिक्रिया
कहां हुआ हमला? जानिए पूरा घटनाक्रम
- हमला नॉर्थ वज़ीरिस्तान के मीर अली में हुआ, जो लंबे समय से आतंकी गतिविधियों का गढ़ माना जाता है।
- मीर अली, पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर से सटा इलाका है, जो तालिबान, अल-कायदा और टीटीपी जैसे संगठनों की सक्रियता के लिए कुख्यात रहा है।
- जानकारी के मुताबिक, एक वाहन में भारी मात्रा में विस्फोटक भरकर सेना के काफिले पर टारगेटेड हमला किया गया।
- विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास के कई मकान भी ध्वस्त हो गए, जिसमें बच्चों समेत कई नागरिक भी घायल हुए हैं।
हमले की जिम्मेदारी किसने ली?
- इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने ली है।
- यह संगठन पहले पाकिस्तानी तालिबान (TTP) से जुड़ा हुआ था, बाद में अलग होकर स्वतंत्र रूप से सक्रिय हो गया।
- हाफिज गुल बहादुर ग्रुप को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर कई हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता रहा है।
पाकिस्तान का रवैया: आतंकी साजिश पर पर्दा, भारत पर आरोप
हैरानी की बात यह है कि जिस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ने खुद ली है, उसके बावजूद पाकिस्तान सरकार भारत पर उंगली उठाने की कोशिश कर रही है।
- पाकिस्तान की सेना और सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर इस हमले में शामिल होने का संकेत दिया।
- भारत ने इस बयान को सिरे से खारिज करते हुए पाकिस्तान को नसीहत दी है कि वह अपने आतंकी नेटवर्क पर लगाम लगाए।
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान अपनी नाकामी छिपाने के लिए ब्लेम गेम कर रहा है।
पाकिस्तान की आतंरिक स्थिति: आतंक का अड्डा बनता वेस्टर्न बॉर्डर
- नॉर्थ वज़ीरिस्तान, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा जैसे इलाके पाकिस्तान के लिए लंबे समय से चुनौती बने हुए हैं।
- बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी अलगाववादी आंदोलन चला रही है।
- खैबर पख्तूनख्वा में TTP और अन्य आतंकी संगठन लगातार सेना और नागरिकों को निशाना बना रहे हैं।
- 2023 में पाकिस्तान में 283 सैनिक मारे गए, 2024 में अब तक करीब 250 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो चुकी है।
अफगानिस्तान की भूमिका: तालिबान के सत्ता में आने के बाद हालात बदतर
- 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसके रिश्ते सुधरेंगे।
- लेकिन उल्टा हुआ, तालिबान के आने के बाद पाकिस्तानी तालिबान (TTP) और अन्य संगठनों की गतिविधियां और बढ़ गईं।
- कई बार आतंकी हमले करने वाले लोग हमले के बाद अफगानिस्तान में पनाह ले लेते हैं, जहां पाकिस्तानी सेना कार्रवाई नहीं कर सकती।
CPEC पर भी खतरा, चीन भी चिंतित
- पाकिस्तान-चीन इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का बड़ा हिस्सा बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा से गुजरता है।
- हाल के महीनों में चीनी नागरिकों और परियोजनाओं पर भी आतंकी हमले बढ़े हैं, जिससे चीन की चिंता और बढ़ गई है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: ऑपरेशन और संभावित एयरस्ट्राइक्स
- पाकिस्तानी सेना ने नॉर्थ वज़ीरिस्तान में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
- रिपोर्ट्स हैं कि सीमा से सटे अफगान इलाकों में जल्द ही एयरस्ट्राइक्स भी की जा सकती हैं।
- साथ ही पाकिस्तान, तालिबान सरकार पर दबाव बना रहा है कि वह TTP के आतंकियों को संरक्षण देना बंद करे।
निष्कर्ष: पाकिस्तान के लिए चेतावनी और भारत की सख्त प्रतिक्रिया
यह हमला पाकिस्तान के लिए बड़ा अलार्म है, जो दर्शाता है कि देश का पश्चिमी सीमा क्षेत्र आतंकवाद की गिरफ्त से बाहर नहीं निकल पा रहा। वहीं, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी झूठे आरोप को सहन नहीं करेगा और पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करनी होगी।