BY: Yoganand Shrivastva
शिलांग (मेघालय) – राजा रघुवंशी की हत्या के मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। मामले के दो प्रमुख आरोपी – आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी – ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान देने से इनकार कर दिया है। यह वही आरोपी हैं, जिन्होंने प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस के सामने हत्या की साजिश में शामिल होने की बात स्वीकारी थी।
एसपी का बयान: आरोपी चुप, पर हमारे पास पुख्ता सबूत
शिलांग के पुलिस अधीक्षक हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने बताया कि पांच आरोपियों में से दो – आकाश और आनंद – को गुरुवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, लेकिन उन्होंने कोई भी बयान नहीं दिया। पुलिस का दावा है कि उनके पास इन दोनों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 180 के तहत लिए गए पुलिस बयानों की तुलना में धारा 183 के अंतर्गत मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान ही अदालत में अधिक प्रभावी माने जाते हैं।
आनंद और आकाश पर क्या हैं आरोप?
पुलिस के अनुसार, आकाश और आनंद पर यह आरोप है कि इन्होंने सोनम रघुवंशी और उसके प्रेमी राज कुशवाह की राजा रघुवंशी की हत्या में मदद की थी। बताया गया है कि ये दोनों आरोपी उस साजिश का हिस्सा थे जिसमें राजा की हत्या को एक दुर्घटना की शक्ल देने की कोशिश की गई थी।
राजा और सोनम की शादी और हनीमून का अंत हत्या में
मूल रूप से इंदौर निवासी राजा रघुवंशी ने 11 मई को सोनम से विवाह किया था। शादी के कुछ ही दिनों बाद, वे मेघालय हनीमून पर गए। 23 मई को नोंगरियाट गांव स्थित होमस्टे से चेक आउट करने के बाद राजा लापता हो गए थे, और लगभग 10 दिन बाद – 2 जून को – उनका शव बरामद हुआ।
राज, आकाश और बरामद हथियार
पुलिस की जांच में एक वाहन से एक देसी कट्टा, कारतूस और ₹50,000 नकद बरामद हुए हैं। पूछताछ के दौरान राज और आकाश ने यह जानकारी दी थी कि उन्होंने एक बैग में हथियार रखा था। साथ ही, पुलिस को यह संदेह है कि घटना से जुड़ा एक महत्वपूर्ण लैपटॉप या तो नष्ट किया गया है या कहीं छिपाया गया है। फिलहाल उसकी तलाश जारी है।
क्या कमजोर होगी पुलिस की केस की नींव?
बयानों से पलटना पुलिस की जांच को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अन्य तकनीकी और भौतिक साक्ष्य मौजूद हैं, जो आरोपियों को अदालत में दोषी सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं।
राजा रघुवंशी हत्याकांड एक बार फिर उस काली हकीकत को उजागर करता है जिसमें रिश्तों की परतें छल, विश्वासघात और साजिश से लिपटी होती हैं। अब सबकी निगाहें अदालत पर टिकी हैं कि क्या मजिस्ट्रेट के सामने गवाही से पीछे हटना सोनम और उसके साथियों के लिए राहत लेकर आएगा या नहीं।