BY: Yoganand Shrivastva
भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने गुरुवार को अपनी समुद्री शक्ति में एक और स्वदेशी रत्न को शामिल किया — ‘अदम्य’, जो कि देश में बना पहला फास्ट पैट्रोल वेसल (Fast Patrol Vessel – FPV) है। इसे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में आयोजित समारोह में आधिकारिक तौर पर बेड़े में सम्मिलित किया गया।
स्वदेशी तकनीक का प्रतीक है ‘अदम्य’
‘अदम्य’ न सिर्फ एक जहाज है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियानों की दिशा में एक ठोस कदम भी है। इस जहाज में इस्तेमाल किए गए करीब 60% से अधिक पुर्जे और सामग्रियां भारत में ही तैयार की गई हैं, जिससे यह पूरी तरह से स्वदेशी क्षमता का प्रतीक बन चुका है।
भारतीय तटरक्षक बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए इसे भारत की समुद्री सुरक्षा, ईईजेड निगरानी, और सर्च एंड रेस्क्यू मिशन के लिए एक गेम-चेंजर बताया।
8 जहाजों की श्रृंखला में पहला ‘अदम्य’
‘अदम्य’ दरअसल उस परियोजना का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत 473 करोड़ रुपये की लागत से 8 फास्ट पैट्रोल वेसल बनाए जा रहे हैं। इन सभी को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया जाना है। इस सीरीज़ का पहला जहाज अब आधिकारिक रूप से सेवा में आ चुका है।
कब हुआ था लॉन्च?
‘अदम्य’ को पहली बार 28 अक्टूबर 2024 को लॉन्च किया गया था। उसी दिन इसके साथ एक और जहाज ‘अक्षर’ को भी पानी में उतारा गया था। अब, दोनों को जल्द ही पूरी तरह से सक्रिय किया जाएगा।
क्या हैं ‘अदम्य’ की खासियतें?
- लंबाई: 52 मीटर
- चौड़ाई: 8 मीटर
- गति: अधिकतम 27 नॉट
- वजन (डिस्प्लेसमेंट): लगभग 320 टन
- प्रणोदन प्रणाली: कंट्रोल योग्य पिच प्रोपेलर आधारित
- क्लास सर्टिफिकेशन: American Bureau of Shipping और Indian Register of Shipping के दोहरे मानकों के तहत प्रमाणित
इन तकनीकी विशेषताओं के चलते ‘अदम्य’ को तटीय सुरक्षा, निगरानी और समुद्री आपातकालीन सेवाओं में तेज, सटीक और प्रभावशाली भूमिका निभाने के लिए तैयार किया गया है।
अब समंदर भी बोलेगा – आत्मनिर्भर भारत जिंदाबाद!
‘अदम्य’ का नाम ही दर्शाता है कि भारत अब अपने समुद्री मोर्चे पर भी अदम्य साहस और स्वदेशी तकनीक के दम पर हर चुनौती से मुकाबला करने को तैयार है। तटरक्षक बल की इस नई उपलब्धि से न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत हुई है, बल्कि भारतीय शिपबिल्डिंग उद्योग को भी नई ऊंचाई मिली है।