पर्यटन सीजन के दौरान उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। खून की उल्टी के बाद अस्पताल ले जाए जा रहे एक व्यापारी की एंबुलेंस में ही मौत हो गई। इस घटना ने न सिर्फ स्वास्थ्य व्यवस्था बल्कि ट्रैफिक प्रबंधन पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मृतक की पहचान और घटना का विवरण
- नाम: जगमोहन सिंह पिनारी
- उम्र: 40 वर्ष
- पेशा: दुकानदार (निवासी: धनियाकोट, नैनीताल)
- घटना: रविवार शाम को खून की उल्टी के बाद उन्हें हल्द्वानी अस्पताल ले जाया जा रहा था।
परिवार के अनुसार, एंबुलेंस शाम 4:30 बजे रवाना हुई थी लेकिन रास्ते में वाहन की खराबी और गंभीर ट्रैफिक जाम के चलते रात 9:30 बजे अस्पताल पहुंची। इस देरी ने उनकी जान ले ली।
बेटा बोला: “पिता की मौत लापरवाही से हुई”
जगमोहन सिंह के पुत्र लाभांशु पिनारी ने आरोप लगाया कि:
- समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई।
- बीच रास्ते में एंबुलेंस खराब हो गई।
- प्रशासन की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी।
उन्होंने सिस्टम पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते मदद मिलती, तो उनके पिता की जान बच सकती थी।
जांच के आदेश, सवालों के घेरे में एंबुलेंस चयन
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा:
- यदि नई एंबुलेंस उपलब्ध थी, तो पुरानी एंबुलेंस क्यों भेजी गई?
- इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।
मसूरी में भी हुई थी ऐसी ही मौत
इससे चार दिन पहले मसूरी में भी ट्रैफिक जाम के कारण एक पर्यटक को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई और उसकी भी मौत हो गई। यह लगातार हो रही घटनाएं प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं।
कैंचीधाम में भीड़, ट्रैफिक पर बढ़ा दबाव
- कैंचीधाम मेले (14 जून) को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
- नैनीताल, भवाली, भीमताल और कैंचीधाम क्षेत्रों में यातायात पूरी तरह जाम है।
- पुलिस माइक से लगातार लौट जाने की अपील कर रही है क्योंकि क्षेत्र “फुल” हो चुका है।
प्रशासन की तैयारियां और दिशा-निर्देश
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं:
- समय से यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करें।
- सड़क किनारे खाद्य वाहनों की नो पार्किंग नीति सख्ती से लागू करें।
- श्रद्धालुओं की सुविधा और स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता दी जाए।
सुधार की ज़रूरत नहीं, मजबूरी बन चुकी है
नैनीताल में हुई इस दुखद घटना ने साफ कर दिया है कि उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर ट्रैफिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित प्रबंधन समय की सबसे बड़ी मांग है। जाम में फंसी एंबुलेंस और देरी से मिली चिकित्सा सुविधा किसी की भी जान ले सकती है।