Mohit Jain
भोपाल समेत मध्यप्रदेश के आधे हिस्से में अगले चार दिन मौसम में बदलाव के संकेत हैं। पूर्व-मध्य अरब सागर में बने डिप्रेशन के प्रभाव से प्रदेश के कई जिलों में आंधी, बारिश और गरज-चमक का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, नर्मदापुरम और आसपास के जिलों में अलर्ट जारी किया है।
आगे भी बारिश के आसार

शनिवार को भोपाल, इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, सीहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, सिवनी, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में बूंदाबांदी के साथ बादल छाए रहने की संभावना है। इसके बाद 26, 27 और 28 अक्टूबर को भी भोपाल, इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में हल्की बारिश के आसार हैं।
रात और दिन के तापमान में बदलाव
पिछले कुछ दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन अब यह बढ़कर 20 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है। दिन का तापमान भी अधिकतम 34 डिग्री तक रहने की संभावना है।
नवंबर से सर्दी की तैयारी

मौसम विभाग के अनुसार नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा जो जनवरी तक रहेगा। इस बार फरवरी तक सर्दी का असर दिखाई दे सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2010 के बाद यह सबसे भीषण ठंड हो सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और ला-नीना परिस्थितियों के प्रभाव से सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
मानसूनी सीजन का आंकलन
प्रदेश से मानसून विदा हो चुका है। इस साल मानसून 16 जून से 13 अक्टूबर तक सक्रिय रहा। मानसून की अवधि के दौरान भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई। गुना जिले में सबसे अधिक 65.7 इंच बारिश हुई, जबकि श्योपुर में सामान्य से 216.3 प्रतिशत ज्यादा पानी गिरा। शाजापुर जिले में सबसे कम 28.9 इंच बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून की हैप्पी एंडिंग रही और भू-जल स्तर में वृद्धि हुई है।





