भोपाल। मध्यप्रदेश में नौ साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नए पदोन्नति नियम लागू कर दिए गए हैं। इसके तहत प्रदेशभर में अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रमोशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी क्रम में सामान्य प्रशासन विभाग ने पांच तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया है।
क्या हैं नए नियम और किसे मिला प्रमोशन?
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में इन पांच तहसीलदारों को अस्थायी रूप से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है। हालांकि, इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त वित्तीय लाभ या राज्य प्रशासनिक सेवा की वेतनमान पात्रता नहीं मिलेगी।
प्रभारी डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किए गए अधिकारी:
- अलका एक्का – तहसीलदार बैतूल, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर पांढुर्णा
- आलोक वर्मा – तहसीलदार आगर मालवा, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर शाजापुर
- अनिल कुमार तलैया – तहसीलदार छतरपुर, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर पन्ना
- बालकृष्ण मिश्रा – तहसीलदार कटनी, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर सतना
- अनिल राघव – तहसीलदार ग्वालियर, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर ग्वालियर
पुलिस मुख्यालय ने लगाई रोक, विवाद से बचने की तैयारी
जहां एक ओर सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं पुलिस मुख्यालय ने उच्च पद का अस्थायी प्रभार देने पर रोक लगा दी है। कारण यह है कि प्रमोशन के बाद अगर कोई अधिकारी पदोन्नत नहीं हो पाया, तो विवाद की स्थिति बन सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
पदोन्नति प्रक्रिया में आरक्षण को लेकर बढ़ा विवाद
राज्य में लागू किए गए नए प्रमोशन नियमों को लेकर सामान्य वर्ग के कर्मचारियों और ‘सपाक्स’ संगठन ने नाराजगी जाहिर की है।
मुख्य विवाद के बिंदु:
- सामान्य वर्ग के पदों पर अनारक्षित वर्ग के लोगों की नियुक्ति का विरोध
- कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले पर अधिकारियों द्वारा सवाल उठाना
- सपाक्स के संस्थापक हीरालाल त्रिवेदी ने बैठक में नियमों पर आपत्ति जताई
सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें आरक्षण से कोई समस्या नहीं है, लेकिन सामान्य वर्ग के पदों पर केवल उसी वर्ग के लोग नियुक्त होने चाहिए।
कब तक पूरी होगी प्रमोशन प्रक्रिया?
सरकारी आदेश के अनुसार, 31 जुलाई 2025 तक सभी योग्य अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नति दे दी जाएगी। फिलहाल विभागीय स्तर पर सूची तैयार की जा रही है और प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश में पदोन्नति नियमों के लागू होने से जहां सैकड़ों अधिकारियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, वहीं इससे जुड़े आरक्षण और अस्थायी प्रभार को लेकर विवाद भी सामने आ रहे हैं। आने वाले दिनों में स्थिति और स्पष्ट होगी कि यह नियम कितनी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ लागू होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. MP Promotion Rules 2025 क्या हैं?
नौ साल बाद लागू हुए ये नए नियम मध्यप्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं।
Q. किन अधिकारियों को अस्थायी रूप से डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है?
पांच तहसीलदारों को अस्थायी रूप से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है।
Q. क्या इससे किसी को आर्थिक लाभ मिलेगा?
नहीं, अस्थायी प्रभार के तहत कोई अतिरिक्त वेतन या राज्य सेवा की पात्रता नहीं दी जाएगी।