भोपाल। मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के मंडीदीप में हुए साम्प्रदायिक विवाद ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा रविवार को तेज बारिश के बीच समर्थकों के साथ सड़क पर धरने पर बैठ गए। उनकी मांग है कि ओबेदुल्लागंज की एसडीओपी शीला सुराणा को तत्काल हटाया जाए।
धरने की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश की कोशिश की, लेकिन विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे।
क्या है पूरा मामला?
मंडीदीप में ईद से एक दिन पहले दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था। इस दौरान एक युवक पर जानलेवा हमला कर दिया गया। पुलिस ने इस मामले में सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और तीन को गिरफ्तार किया।
बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है, जिससे एक पक्ष के साथ अन्याय हुआ है। इसी विरोध में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ हाईवे पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रशासन ने की समझाइश, लेकिन धरना जारी
जैसे ही विधायक पटवा के धरने की सूचना मिली, रायसेन पुलिस अधीक्षक (SP) और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने विधायक से बातचीत कर धरना खत्म करने की अपील की, लेकिन पटवा अपनी मांग पर अड़े रहे। उनका साफ कहना है कि जब तक एसडीओपी शीला सुराणा को हटाया नहीं जाता, वे धरना समाप्त नहीं करेंगे।
राजनीतिक माहौल गरमाया
मंडीदीप का यह मामला अब केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका असर राज्य की राजनीति में भी दिखाई देने लगा है। बीजेपी विधायक के धरने से स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है। विपक्ष भी इस मुद्दे पर सक्रिय नजर आ सकता है।
मुख्य बातें संक्षेप में
- कहां का मामला: मंडीदीप, रायसेन जिला, मध्य प्रदेश
- क्यों हुआ विवाद: ईद से एक दिन पहले दो समुदायों के बीच झड़प
- कितने लोग गिरफ्तार: तीन आरोपी पुलिस गिरफ्त में
- बीजेपी विधायक की मांग: ओबेदुल्लागंज की एसडीओपी शीला सुराणा को हटाया जाए
- प्रशासन का रुख: समझाइश के प्रयास जारी, धरना खत्म कराने की कोशिश
- राजनीतिक असर: मामला गर्माता जा रहा है, विपक्ष भी उठा सकता है सवाल
क्यों उठा एसडीओपी को हटाने का मुद्दा?
बीजेपी विधायक पटवा का आरोप है कि एसडीओपी शीला सुराणा की भूमिका विवादित रही है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए केवल एक पक्ष को निशाना बनाया, जिससे इलाके में असंतोष फैल गया। इसी के चलते वे एसडीओपी को हटाने की मांग पर अड़ गए हैं।
क्या हो सकते हैं इसके राजनीतिक मायने?
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का माहौल धीरे-धीरे बनने लगा है। ऐसे में मंडीदीप जैसी घटनाएं राजनीतिक दलों के लिए बड़ा मुद्दा बन सकती हैं। बीजेपी जहां इसे प्रशासनिक लापरवाही बता रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। आने वाले दिनों में इस विवाद का असर जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
मंडीदीप विवाद ने जहां इलाके में तनाव पैदा किया है, वहीं यह मामला अब राजनीतिक सरगर्मी का कारण भी बन गया है। विधायक का सड़क पर बैठकर धरना देना इस बात का संकेत है कि मामला जल्द सुलझने वाला नहीं है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और राज्य सरकार इस स्थिति को कैसे संभालती है।