भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विभाग वार कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं, बुधवार को मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के तेज़ी से विस्तार, अस्पताल निर्माण, स्पेशियलिटी सेवाओं तथा बांड डॉक्टर नीति पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सकीय अवसंरचना और डॉक्टर उपलब्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों का ऐतिहासिक विस्तार
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2003–04 में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि 2025–26 तक यह संख्या बढ़कर 52 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह कदम ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों तक विशेषज्ञ स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में निर्णायक साबित होगा।
सतना में 383 करोड़ रूपए का नया अस्पताल
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सतना में 383 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक चिकित्सालय का निर्माण किया जाएगा।
भूमिपूजन जल्द आयोजित होगा और अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा को मज़बूत करने के लिए 14 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिससे प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ तैयार होगा।
कार्डिएक कैथलैब विस्तार
भोपाल और रीवा में कार्डिएक कैथलैब प्रारंभ कर दिए गए हैं, साथ ही ग्वालियर और जबलपुर में भी जल्दी कैथलैब खोलने की तैयारी जारी है, जिससे गंभीर हृदय रोगियों को समय पर उपचार मिल सकेगा। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में बांड वाले लगभग 2500 डॉक्टर जल्द सेवाओं में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इन डॉक्टरों को प्रदेश में ही सेवा देने के लिए तैयार किया जाए। भर्ती नियमों में संशोधन जल्द किया जाएगा और कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा।
एक रुपये में भूखंड योजना—देश में पहला राज्य
स्वास्थ्य संस्थानों के विस्तार को प्रोत्साहित करने के लिए मध्यप्रदेश निवेशकों को अस्पताल निर्माण हेतु 1 रुपये में जमीन देने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नवाचार राज्य में निजी क्षेत्र के निवेश और स्वास्थ्य सेवाओं को गति देगा।




