भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने विभागीय योजनाओं, बालिकाओं की शिक्षा, आंगनवाड़ी व्यवस्थाओं, डिजिटल पारदर्शिता और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के लाभार्थी बेटियों में बढ़ते ड्रॉपआउट मामलों पर चिंता जताई और विभाग को सख्ती से निगरानी रखने के निर्देश दिए।
ड्रॉपआउट पर सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से पूछा कि किन कारणों से लाभ प्राप्त करने के बाद बालिकाएं पढ़ाई छोड़ती हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हर केस की मॉनिटरिंग की जाए और ड्रॉपआउट रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की जाए। सीएम ने गहन समीक्षा कर ग्राउंड-लेवल सिस्टम मजबूत करने की बात भी कही।

आंगनवाड़ी भर्तियों में डिजिटल पारदर्शिता: देश में पहला राज्य
मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की पूर्णत: ऑनलाइन भर्ती प्रणाली लागू की है। 19,500 रिक्त पदों के विरुद्ध अब तक 9,948 पदों पर नियुक्ति आदेश जारी, शेष पदों की प्रक्रिया प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने इस डिजिटल ट्रांसपेरेंसी मॉडल की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने भर्ती प्रक्रिया में “शून्य मानव हस्तक्षेप” सुनिश्चित किया है।
राष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए नवाचार
टेक होम राशन (THR) की FRS प्रक्रिया में मध्यप्रदेश देश में प्रथम रहा—लाभ वितरण व्यवस्था ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा पाई।
स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 20,243 बच्चों को सहायता, राज्य देश में दूसरे स्थान पर।
झाबुआ के ‘मोटी आई’ नवाचार को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार।
PM JANMAN भवनों की डिज़ाइन एवं मॉनिटरिंग मॉड्यूल को भारत सरकार से विशेष सराहना।
डिजिटल प्रशासन को मजबूती देने के लिए 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित डिजिटल उपस्थिति प्रणाली भी लागू की गई, जिसे “डिजिटल पारदर्शिता की मिसाल” बताया गया।
- भविष्य की 3-वर्षीय कार्ययोजना
- बैठक में विभाग ने आगामी 3 वर्षों की विकास रणनीति प्रस्तुत की:
- 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों को सेंट्रल किचन से गर्म भोजन
- निपुण भारत आधारित विकास कार्ड — प्रारंभिक शिक्षा गुणवत्ता सुधार
- लाड़ली लक्ष्मी योजना — 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति/प्रोत्साहन
- 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन — चरणबद्ध निर्माण योजना
- HEW के माध्यम से 1.47 लाख जागरूकता गतिविधियाँ — जेंडर, सुरक्षा और कानूनी सहायता पर प्रभाव
महिला एवं बाल विकास में प्रमुख उपलब्धियाँ
- PMMVY: 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को ₹512 करोड़+ की सहायता
- लाड़ली बहना योजना: जनवरी 2024–नवंबर 2025 तक ₹36,778 करोड़ का अंतरण
- महिला हेल्पलाइन 181: 1.72 लाख महिलाओं को सहायता
- 57 वन स्टॉप सेंटर: 52,095 महिलाओं को सुरक्षा और कानूनी सहयोग
- ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ मॉडल: 12,670 केंद्रों का उन्नयन
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ: 1.89 लाख पौधे, 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस, 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण
टेंडर में पारदर्शिता पर मुख्यमंत्री सख्त
सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सामग्री खरीद व टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो। यदि किसी स्तर पर अनियमितता सामने आती है, तो वरिष्ठ अधिकारी सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे।





