नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद में बड़ा फैसला आया है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शमी को निर्देश दिया है कि वे अपनी पत्नी हसीन जहां और बेटी के भरण-पोषण के लिए हर महीने कुल 4 लाख रुपये अदा करें।
क्या है कोर्ट का आदेश?
कलकत्ता हाई कोर्ट के अनुसार,
- मोहम्मद शमी को हसीन जहां को 1.5 लाख रुपये प्रति माह देने होंगे।
- उनकी बेटी के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति माह का भुगतान करना होगा।
यह आदेश 6 साल से अधिक चले कानूनी विवाद के बाद आया है।
हसीन जहां ने क्या कहा?
हसीन जहां ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“शमी जिस तरह की जीवनशैली जीते हैं, उसके मुकाबले 4 लाख रुपये बहुत कम हैं। हमने 4 साल पहले ही 10 लाख रुपये प्रति माह की मांग की थी। महंगाई भी लगातार बढ़ रही है, इसलिए हम फिर से कोर्ट में अधिक भरण-पोषण की मांग करेंगे।“
उन्होंने अपने वकील इम्तियाज अहमद और माननीय न्यायालय का आभार भी व्यक्त किया।
वकील का क्या कहना है?
हसीन जहां के वकील इम्तियाज अहमद ने इसे लंबे संघर्ष के बाद मिली बड़ी जीत बताया। उनका कहना है कि यह राशि आगे और बढ़ सकती है।
उन्होंने NDTV से कहा,
“जब यह मामला ट्रायल कोर्ट में अंतिम सुनवाई के लिए लौटेगा, तब भरण-पोषण की राशि को बढ़ाकर 6 लाख रुपये किया जा सकता है। हसीन जहां की ओर से कुल 10 लाख रुपये (7 लाख उनके लिए और 3 लाख बेटी के लिए) की मांग पहले ही की गई थी।“
क्या है पूरा मामला?
- 2014 में शादी: मोहम्मद शमी और हसीन जहां की शादी हुई थी।
- 2018 में विवाद: हसीन जहां ने शमी पर घरेलू हिंसा और बेवफाई का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
- अंतरिम सहायता: अदालत ने पहले बेटी के लिए 80,000 रुपये प्रति माह का अंतरिम भरण-पोषण तय किया था।
- शमी की चुप्पी: इस पूरे मामले पर शमी ने सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, अब हाई कोर्ट के आदेश के तहत उन्हें यह रकम हर महीने देनी होगी।
क्या आगे बढ़ सकता है विवाद?
कानूनी जानकारों का मानना है कि चूंकि ट्रायल कोर्ट में अभी सुनवाई जारी है, इसलिए अंतिम फैसले में भरण-पोषण की राशि में बदलाव संभव है। साथ ही, हसीन जहां ने साफ कर दिया है कि वे अधिक राशि की मांग के लिए फिर से कोर्ट जाएंगी।
मोहम्मद शमी का क्रिकेट करियर
मोहम्मद शमी भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई अहम मुकाबलों में भारत के लिए शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। फिलहाल वह भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में चयनित नहीं हैं, लेकिन उनका विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।
निष्कर्ष
हसीन जहां और मोहम्मद शमी का यह विवाद पिछले 6 वर्षों से चर्चा में है। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद मामले में कानूनी रूप से नया मोड़ आ गया है। आने वाले समय में कोर्ट का अंतिम फैसला इस विवाद की दिशा तय करेगा।