कटनी-जबलपुर के खनन घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। मध्यप्रदेश सरकार ने MLA संजय पाठक की कंपनियों से 520 करोड़ रुपए की रिकवरी करने का निर्णय लिया है। ये रकम आयरन ओर की सीमा से ज्यादा खुदाई और जीएसटी चोरी को लेकर वसूली जाएगी।
यह कार्यवाही मोहन यादव सरकार की ओर से की जा रही है। जांच में पाया गया कि विधायक संजय पाठक से जुड़ी तीन कंपनियों—निर्मला मिनरल्स, आनंद माइनिंग और पेसिफिक एक्सपोर्ट—ने खनन की स्वीकृत सीमा से कहीं अधिक लौह अयस्क का खनन किया।
🔍 अवैध खनन और टैक्स चोरी: कंपनियों पर क्या-क्या आरोप हैं?
खनिज विभाग की जांच रिपोर्ट के अनुसार:
- 440 करोड़ रुपए की रिकवरी खनन सीमा से अधिक आयरन अयस्क निकालने पर की जा रही है।
- 80 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली GST चोरी के आरोप में होगी।
ये सभी खदानें जबलपुर के सिहोरा तहसील के दुबियारा, घुघरी, प्रतापपुर, अगरिया और टिकरिया क्षेत्रों में स्थित थीं। वर्षों से इन इलाकों में अवैध खनन हो रहा था लेकिन अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई थी।
📅 कैसे शुरू हुई जांच? व्हिसल ब्लोअर की शिकायत बनी आधार
जनवरी 2025 में व्हिसल ब्लोअर आशुतोष उर्फ मनु दीक्षित ने आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद अप्रैल 2025 में खनिज विभाग के प्रमुख सचिव के आदेश पर एक विशेष जांच टीम गठित की गई।
इस टीम ने इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (IBM) के आंकड़े, सैटेलाइट इमेजरी और भौगोलिक डाटा के आधार पर माइनिंग घोटाले की पुष्टि की।
📈 माइनिंग प्लान और पर्यावरण स्वीकृति की सीमा का उल्लंघन
जांच रिपोर्ट से यह भी सामने आया है कि कंपनियों ने:
- माइनिंग प्लान की सीमा का उल्लंघन किया।
- पर्यावरणीय अनुमति के दायरे से बाहर जाकर बड़े स्तर पर खुदाई की।
यह साफ दर्शाता है कि यह केवल टैक्स चोरी का मामला नहीं बल्कि पर्यावरणीय नियमों की भी भारी अनदेखी है।
🗃️ ऑफिसों से गायब मिले दस्तावेज, आगे भी होगी जांच
खनिज विभाग की टीम ने यह भी बताया कि जांच के दौरान कंपनियों के ऑफिस से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब मिले। फिर भी टीम ने IBM डेटा, सैटेलाइट फुटेज और विभागीय फाइलों के आधार पर गड़बड़ी की पुष्टि की है।
रिपोर्ट के मुताबिक अभी सिर्फ दो पहलुओं—अतिरिक्त खनन और GST चोरी—की जांच हुई है।
बाकी छह अहम बिंदुओं, जैसे वन क्षेत्र में खनन, फॉरेस्ट रॉयल्टी चोरी आदि पर जांच जारी है।
💰 10,000 करोड़ तक जा सकता है कुल घोटाला?
शिकायतकर्ता का दावा है कि यदि सभी पहलुओं पर निष्पक्ष और गहराई से जांच हो, तो केवल कटनी-जबलपुर क्षेत्र में अवैध खनन घोटाले की राशि 8 से 10 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है।
📌 कौन-कौन सी कंपनियां हैं जांच के घेरे में?
1. निर्मला मिनरल्स
खदान स्थान: दुबियारा (32.3 हेक्टेयर)
2. आनंद माइनिंग
खदान स्थान: घुघरी (8.6 हेक्टेयर), प्रतापपुर (11.5 हेक्टेयर)
3. पेसिफिक एक्सपोर्ट
खदान स्थान: अगरिया (20.2 हेक्टेयर), टिकरिया (26 हेक्टेयर)
ये तीनों ही फर्में सीधे तौर पर विधायक संजय पाठक से जुड़ी हुई बताई जा रही हैं।
📢 निष्कर्ष: क्या सरकार दिखाएगी सख्ती?
MLA संजय पाठक की कंपनियों से 520 करोड़ रुपए की रिकवरी की प्रक्रिया सरकार की एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। हालांकि अभी सिर्फ आंशिक जांच पूरी हुई है, लेकिन यदि बाकी बिंदुओं पर भी सख्ती से जांच की गई, तो यह मामला मध्यप्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा खनन घोटाला साबित हो सकता है।
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