सीहोर जिले की नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन का सिलसिला जोर-शोर से चल रहा था, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी इस पर कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं थे। इस गंभीर समस्या को स्वदेश न्यूज़ ने प्रमुखता से उजागर किया, जिसके बाद खनिज विभाग के अधिकारियों की आंखों पर पड़ी पट्टी आखिरकार हटी। अब विभाग ने रेत माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे रेत माफिया में हड़कंप मच गया है।
रेत माफियाओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई से नाराज़ होकर रेत ठेकेदार सीहोर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज करवाई। ठेकेदारों का आरोप है कि वे अपने मनमाने तरीके से रॉयल्टी का पूरा पैसा लेकर सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 250 रुपये प्रति घन मीटर की रॉयल्टी वे 900 रुपये में बेच रहे हैं। इसके अलावा, रॉयल्टी अन्य जिलों में भी दी जा रही है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा है।
खनिज विभाग की कड़ी कार्यवाही के बाद रेत माफिया में हलचल मच गई है। माफियाओं के दबाव में आने की कोशिशों का एक उदाहरण यह है कि वे अपने कर्मचारियों, जो कि यूपी और बिहार से आए हैं, को मजदूर बनाकर सीहोर कलेक्ट्रेट कार्यालय भेज रहे हैं। इन कर्मचारियों के माध्यम से प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम पर सीहोर कलेक्टर बालागुरु.के ने स्पष्ट किया कि विभाग की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “जो नियम में है, वही काम होगा और रेत माफिया के खिलाफ कार्यवाही किसी भी दबाव के बावजूद नहीं रुकेगी।”
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस कार्यवाही को जारी रखता है या माफियाओं के दबाव में आकर अपनी कार्रवाई में नरमी बरतता है। सीहोर के रेत माफिया के खिलाफ खनिज विभाग की कार्रवाई ने इस मुद्दे को राज्य भर में एक नई दिशा दी है और इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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