महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार, हर साल भगवान शिव के सम्मान में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है, जो आमतौर पर फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में पड़ता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
साल 2025 में यह पवित्र दिन 26 फरवरी, बुधवार को होगा।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग को फूलों और बेलपत्रों से सजाते हैं। इस दिन भगवान शिव को भांग, फल, शहद, घी, मिठाई और दूध अर्पित किया जाता है। सुबह जल्दी स्नान कर भक्त मंदिर जाते हैं और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते हैं।
शाम के समय मंदिरों में भक्त एकत्रित होते हैं और शिवलिंग की पूजा करते हैं। दीप जलाए जाते हैं और पूरी रात मंदिर में भक्ति का माहौल रहता है। देशभर के कई मंदिरों में भगवान शिव और माता पार्वती की शोभायात्रा रात के समय पालकी में निकाली जाती है, जो देखने में बेहद मनोरम होती है।
उपवास के अंत में हल्का सात्विक भोजन लिया जाता है, जिसमें अनाज रहित भोजन, फल और मिठाइयाँ शामिल हो सकती हैं।
महाशिवरात्रि के उपवास नियम
इस दिन भक्त सख्त उपवास के नियमों का पालन करते हैं। कई लोग पूरे दिन और रात भोजन और पानी से दूर रहते हैं। कुछ भक्त आंशिक उपवास चुनते हैं, जिसमें फल, दूध और मेवे खाए जाते हैं, जबकि अन्य पूरे दिन का कठिन व्रत रखते हैं।
अगले दिन सूर्योदय के बाद उपवास तोड़ा जाता है। इसमें सादा भोजन जैसे फल, दूध और शाकाहारी व्यंजन शामिल होते हैं। भक्त भगवान शिव को प्रार्थना अर्पित करते हैं और फिर पहला भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे पवित्र और आशीर्वाद से परिपूर्ण माना जाता है।