महाराष्ट्र सरकार के ताजा फैसले ने शराब की कीमतों और शराब कंपनियों के शेयर बाजार प्रदर्शन पर बड़ा असर डाला है। राज्य सरकार ने इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) पर एक्साइज ड्यूटी 50% तक बढ़ा दी है, जिससे शराब महंगी हो गई है और कई प्रमुख शराब कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
यूनाइटेड स्पिरिट्स जैसे बड़े ब्रांड्स पर असर
- यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) – जो मैकडॉवल्स व्हिस्की बनाती है – के शेयरों में करीब 6% की गिरावट आई।
- अन्य कंपनियों जैसे एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स और रेडिको खेतान के शेयर भी प्रभावित हुए।
- यह गिरावट ड्यूटी बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ताओं के लिए शराब महंगी होने की आशंका से जुड़ी है।
दूसरी ओर कुछ शेयरों में तेजी
हालांकि, कुछ कंपनियों के शेयरों में बढ़त भी देखी गई:
- जीएम ब्रुअरीज का शेयर 10.07% उछला
- सुला वाइनयार्ड्स में 7.71% की बढ़त
- सोम डिस्टिलरीज में 2.69% की तेजी
विशेषज्ञ मानते हैं कि महाराष्ट्र में नई घोषित “महाराष्ट्र मेड लिकर” (MML) कैटेगरी से इन कंपनियों को लाभ हो सकता है।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से शराब क्यों महंगी होगी?
राज्य सरकार ने एक्साइज ड्यूटी को उत्पादन लागत के तीन गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया है। उदाहरण के लिए:
- ₹260 प्रति बल्क लीटर की लागत वाली शराब पर नई ड्यूटी लागू होगी।
- देसी शराब पर ड्यूटी ₹180 से बढ़कर ₹205 प्रति प्रूफ लीटर कर दी गई है।
संभावित असर:
- देसी शराब की 180 ml बोतल अब ₹60-70 की बजाय ₹80 में मिलेगी।
- IMFL की कीमतें ₹115-130 से बढ़कर ₹205 तक हो सकती हैं।
- प्रीमियम विदेशी शराब की कीमत ₹210 से बढ़कर ₹360 हो सकती है।
महाराष्ट्र मेड लिकर (MML): नई कैटेगरी क्या है?
राज्य सरकार ने Maharashtra Made Liquor (MML) नाम से एक नई कैटेगरी लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य देसी शराब और IMFL के बीच की कीमत के अंतर को भरना है।
MML के प्रमुख बिंदु:
- MML केवल महाराष्ट्र में निर्मित और पंजीकृत शराब होगी।
- राष्ट्रीय या विदेशी ब्रांड्स इस कैटेगरी के लिए योग्य नहीं होंगे।
- इसका टैक्स स्ट्रक्चर देसी शराब के जैसा होगा, लेकिन इसे सिर्फ FL-2 और FL-3 लाइसेंस धारकों के जरिए बेचा जाएगा।
- MML की कीमत लगभग ₹148 प्रति बोतल होगी।
राज्य सरकार का अनुमान है कि इस सेगमेंट का साइज 5-6 करोड़ लीटर से बढ़कर 10-11 करोड़ लीटर हो सकता है, जिससे 3,000 करोड़ रुपए तक का अतिरिक्त रेवेन्यू जनरेट किया जा सकता है।
क्या महाराष्ट्र में शराब की तस्करी बढ़ेगी?
महाराष्ट्र पहले से ही देश में शराब पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाला राज्य रहा है। अब 50% ड्यूटी बढ़ने के बाद तस्करी की संभावना और बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि:
- कम टैक्स वाले राज्यों से महाराष्ट्र में अवैध शराब की तस्करी बढ़ सकती है।
- इससे राज्य को लॉन्ग टर्म में राजस्व नुकसान और शराब की क्वालिटी पर सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
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महाराष्ट्र सरकार की इस नई नीति से राज्य को तात्कालिक रूप से एक्साइज रेवेन्यू में बढ़ोतरी मिल सकती है, लेकिन इसके दूरगामी असर – जैसे उपभोक्ताओं पर महंगाई, शेयर बाजार में अस्थिरता, और शराब तस्करी – पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है।