केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एक बार फिर लोक जनशाक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चुने गए हैं। इसकी जानकारी लोक जनशक्ति पार्टी ने सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर से मिली जहां लिखा गया कि “पार्टी को आपके कुशल नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और आपके मार्गदर्शन में पार्टी नई ऊंचाइयों को छुएगी।” इसी बीच एक बार फिर मोदी सरकार 3.0 में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान का बयान सुर्खियों में है। जिसमें वो बीजेपी सरकार के खिलाफ जाकर जाति जनगणना कराने की बात कह रहे हैं।
आखिर क्या बोले चिराग पासवान
जातिगत जनगणना पर मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “मेरी पार्टी ने इसे लेकर अपना रुख हमेशा से ही स्पष्ट रखा है। हम लोग चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो। इसका कारण है। कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार कई योजनाएं बनाती है जो किसी जाति को मुख्य धारा के साथ जोड़ने के मद्देनजर तैयार की जाती है। ऐसे में उस जाति की आबादी की जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए ताकि उसके अनुपात में राशि आवंटित की जा सके। मैं इन आंकड़ों को सार्वजनिक करने का पक्षधर नहीं हूं। मैं मानता हूं कि ये आंकड़ें कम से कम सरकारों के पास होने चाहिए।”
#WATCH रांची, झारखंड: जातिगत जनगणना पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, "मेरी पार्टी ने इसे लेकर अपना रुख हमेशा से ही स्पष्ट रखा है। हम लोग चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो। इसका कारण है। कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार कई योजनाएं बनाती है जो किसी जाति को मुख्य धारा के साथ… pic.twitter.com/hb5IoOx7fP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 25, 2024
सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही विरोध में बोलने लगे चिराग
बता दें चिराग पासवान को पीएम मोदी का हनुमान कहा जाता है लेकिन तीसरी बार सरकार बनने के बाद वो लगातार केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बोलते नजर आ रहे हैं। जाति जनगणना के पहले उन्होंने यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर भी केंद्र सरकार के विरोध में बोला था, उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी इस तरह के कदम के बिल्कुल समर्थन में नहीं है। यहीं नहीं इसके भी पहले सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कोटा में कोटा और क्रीमी लेयर वाले फैसले का चिराग ने विरोध किया था। अब प्रश्न यही है कि सरकार बनने के माह कुछ महीने में 5 सांसद वाले चिराग पासवान अपने ही राम यानी मोदी पार्टी के फैसले के खिलाफ क्यों बोल रहे हैं?