आप ने खबर को झूठा और भ्रामक बताया, आप ने ईडी से मंजूरी पत्र की प्रति मांगी
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति केस में आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांगी की थी। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इस खबर को झूठा और भ्रामक बताया है। आप ने ईडी से उपराज्यपाल की तरफ से दी गई मंजूरी की प्रति दिखाने को भी कहा है।
अगर एलजी साहब ने अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ED को मंजूरी की कॉपी सार्वजनिक करने में क्या दिक्कत है?
— Atishi (@AtishiAAP) December 21, 2024
ये खबर सिर्फ लोगों को गुमराह करने, मुद्दों से भटकाने के लिए फैलाई जा रही है। भाजपा ये साजिशें बंद करो। सच सामने लाओ।
क्या है दिल्ली आबकारी स्कैम?
दिल्ली सरकार ने Novmber 2021 में एक नई आबकारी नीति लागू की थी। इस नीति के अंतर्गत दिल्ली में शराब के कारोबार को निजी हाथों में सौंप दिया गया था। लेकिन यह नीति शुरू से ही विवादों में घिर गई। बढ़ते विवाद को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने जुलाई 2022 में इस नीति को रद्द कर दिया और फिर से पुरानी नीति बहाल कर दी थी।
ऐसे हुआ खुलासा, करोड़ों के गबन का लगा आरोप?
दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल, आर्थिक अपराध शाखा, तत्कालीन मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक रिपोर्ट भेजी। इस रिपोर्ट में कहा गया कि आबकारी विभाग के प्रमुख होने के नाते मनीष सिसोदिया ने LG की मंजूरी के बिना ये नीति लागू की है। इसके माध्यम से फर्जी तरीके से राजस्व कमाया गया है। शराब बेचने वाली कंपनियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी गई।
आरोपी कौन-कौन?
उपराज्यपाल ने ये रिपोर्ट CBI को भेज दी और जांच की सिफारिश कर दी। इसके बाद Manish Sisodia को गिरफ्तार कर लिया गया। इसमें दिल्ली के तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर और दो अन्य अधिकारी, दो कंपनियां और नौ कारोबारियों के नाम शामिल हैं।





