राजस्थान के जयपुर से दुखद खबर सामने आई है। केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह चौहान की मां का भी निधन हो गया है। बेटे की मौत के सदमे से वह उबर नहीं पाईं और 13 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।
बेटे के गम में टूटा मां का हौसला
15 जून 2025 को उत्तराखंड के केदारनाथ धाम के पास गौरीकुंड में एक दर्दनाक हेलीकॉप्टर हादसा हुआ था। इस दुर्घटना में पायलट राजवीर सिंह चौहान समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी। बेटे की इस असमय मौत ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया।
बताया जा रहा है कि हादसे के बाद से ही राजवीर की मां की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। जयपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 28 जून को उन्होंने अंतिम सांस ली।
श्रद्धांजलि कार्यक्रम रद्द
परिवार में लगातार दूसरी दुखद घटना के बाद पायलट राजवीर सिंह की याद में होने वाले सभी श्रद्धांजलि कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। परिजन और रिश्तेदार गहरे शोक में हैं।
कौन थे पायलट राजवीर सिंह चौहान?
- निवास : शास्त्री नगर, जयपुर
- पेशेवर पृष्ठभूमि : भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर
- सेवा अनुभव : सेना में करीब 14 साल सेवा दी
- उड़ान अनुभव : 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव, इंडियन एयरफोर्स में कैप्टन रह चुके
- नौकरी : अक्टूबर 2024 में एक निजी हेलीकॉप्टर एविएशन कंपनी में बतौर पायलट शामिल हुए
परिवार में पत्नी भी सेना में अधिकारी
राजवीर सिंह की पत्नी दीपिका भी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। दोनों की शादी 2011 में हुई थी और चार महीने पहले ही उनके घर जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ था। लेकिन यह खुशियां ज्यादा समय तक टिक नहीं सकीं।
केदारनाथ हादसा कैसे हुआ था?
15 जून को केदारनाथ में गौरीकुंड के पास एक हेलीकॉप्टर हादसा हुआ था। मौसम खराब होने के चलते यह दुर्घटना हुई, जिसमें पायलट समेत 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। यह हादसा न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका था।
निष्कर्ष
राजवीर सिंह चौहान की असामयिक मौत और उसके बाद उनकी मां का निधन परिवार के लिए गहरा सदमा है। यह घटना बताती है कि हादसों के बाद केवल वे लोग नहीं टूटते जो उसमें शामिल होते हैं, बल्कि उनके पीछे पूरा परिवार भी टूट जाता है।