केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार अब गौरीकुंड से केदारनाथ तक की मुश्किल पैदल यात्रा को आसान बनाने के लिए 7 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना पर काम कर रही है। इस सुरंग के बन जाने से मौजूदा 16 किलोमीटर की दूरी घटकर महज 5 किलोमीटर रह जाएगी।
क्यों जरूरी है यह सुरंग?
2013 और 2024 में आई त्रासदियों ने सरकार को केदारनाथ यात्रा मार्ग को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए मजबूर कर दिया। हर साल भारी बारिश और भूस्खलन के चलते यात्रा बाधित होती रही है। इस सुरंग से:
- यात्रा का समय और दूरी दोनों में भारी कमी आएगी
- एक वैकल्पिक और हर मौसम में सुरक्षित रास्ता मिलेगा
- जोखिम वाले भूस्खलन जोनों से बचा जा सकेगा
नया रूट: कैसे पहुंचे केदारनाथ तक?
वर्तमान मार्ग:
- गौरीकुंड से रामबाड़ा – 9 किमी
- रामबाड़ा से लिंचोली – 2 किमी
- लिंचोली से केदारनाथ मंदिर – 5 किमी
- कुल दूरी – 16 किमी पैदल
प्रस्तावित नया मार्ग:
- कुंड से चुन्नी बैंड होते हुए कालीमठ व कोटमा से चौमासी तक 41 किमी सड़क
- चौमासी से लिंचोली तक 7 किमी लंबी सुरंग
- फिर लिंचोली से केदारनाथ मंदिर तक 5 किमी पैदल
- कुल दूरी – सड़क + सुरंग + 5 किमी पैदल
टनल निर्माण का प्रगति स्टेटस
- टनल की ऊंचाई समुद्र तल से 6562 फीट होगी
- प्रारंभिक सर्वेक्षण कंसल्टेंट द्वारा पूरा
- टनल चौमासी से लिंचोली के बीच बनाई जाएगी
- ड्राइंग तैयार हो चुकी है, अंतिम निर्णय केंद्र स्तर पर
भूस्खलन नहीं, मजबूत चट्टानें
टनल मार्ग का सर्वे करने वाली टीम ने बताया कि:
- इस क्षेत्र में भूस्खलन संभावित क्षेत्र नहीं हैं
- रास्ता कठोर चट्टानों और बुग्यालों के ऊपर से होकर गुजरेगा
- भूमिगत जल रिसाव की पहचान की गई है, जिस पर कार्य होगा
पहले क्यों नहीं बन पाया नया रास्ता?
पूर्व विधायक शैलारानी रावत ने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामबाड़ा से टनल निर्माण का प्रस्ताव दिया था। लेकिन रामबाड़ा एक भूस्खलन जोन है, इसलिए वहां टनल बनाना सुरक्षित नहीं माना गया। अब चौमासी-लिंचोली का मार्ग अधिक सुरक्षित पाया गया है।
केदारनाथ यात्रा: सबसे चुनौतीपूर्ण
चारधाम यात्रा में केदारनाथ की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है:
- 2013 और 2024 में आई त्रासदियों से लाखों श्रद्धालु प्रभावित हुए
- 2024 में भारी बारिश व लैंडस्लाइड में 15 हजार यात्री फंसे और 5 की मौत हुई
- हर साल यात्रा के दौरान खराब मौसम के कारण रुकावट आती है
केदारनाथ यात्रा होगी सुरक्षित और सुगम
इस सुरंग के निर्माण से ना केवल यात्रा की दूरी कम होगी बल्कि लाखों श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी। केंद्र सरकार का यह कदम धार्मिक पर्यटन को सुरक्षित बनाने और स्थानीय विकास को गति देने की दिशा में बड़ा प्रयास है। यदि सबकुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले 4–5 वर्षों में भक्तों को हर मौसम में मंदिर तक पहुंचने का नया और सुरक्षित रास्ता मिल जाएगा।