बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जैसे-जैसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ढाई साल के कार्यकाल का आधा सफर पूरा हो रहा है, पार्टी के भीतर असंतोष और नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस आलाकमान और सिद्धारमैया के बीच तनाव अब खुलकर सामने आ गया है।
राहुल गांधी ने नहीं की मुलाकात, लंदन रवाना
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। इसके बजाय उन्होंने सिद्धारमैया को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात करने की सलाह दी। इसके बाद राहुल लंदन रवाना हो गए।
बंद कमरे में वेणुगोपाल और सिद्धारमैया की अहम बैठक
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, हाल ही में केसी वेणुगोपाल और सिद्धारमैया के बीच एक लंबी बंद कमरे की बैठक हुई। खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री के नजदीकी तीन प्रमुख सहयोगी—जॉर्ज, सतीश जारकीहोली और महादेवप्पा—को बैठक में शामिल नहीं किया गया।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में सिद्धारमैया अपने मंत्रिमंडल विस्तार की सूची लेकर पहुंचे थे, जिसमें कुछ नए चेहरों को शामिल करने की योजना थी। लेकिन वेणुगोपाल ने उन्हें यह स्पष्ट कर दिया कि पार्टी हाईकमान ही अगला मुख्यमंत्री तय करेगा। साथ ही यह भी याद दिलाया कि सिद्धारमैया को दो बार मुख्यमंत्री और दो बार नेता प्रतिपक्ष बनाने का मौका पार्टी पहले ही दे चुकी है।
हाईकमान नाराज, सहयोगियों पर गिरी गाज
सूत्रों का दावा है कि पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नजदीकी नेताओं के व्यवहार और पार्टी के भीतर जारी अंदरुनी हमलों से नाराज है। विशेष रूप से सतीश जारकीहोली, एचसी महादेवप्पा और केएन राजण्णा जैसे नेता, जिनका संबंध जनता परिवार से है, पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सिद्धारमैया का इशारा—राहुल गांधी जो कहेंगे, मानूंगा
बैठक के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने करीबी सहयोगियों से साफ कर दिया कि अगर पार्टी नेतृत्व उनसे इस्तीफे की मांग करता है, तो वह राहुल गांधी के निर्देश को टालेंगे नहीं। साथ ही उन्होंने अपने सहयोगियों को राजनीतिक भविष्य की योजना बनाने की सलाह भी दी।
रणदीप सुरजेवाला की आज विधायकों से बैठकें
राज्य में सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला आज पार्टी विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे। हाल के दिनों में कई विधायकों ने सरकार के कामकाज पर असंतोष जताया है। इसी पृष्ठभूमि में सुरजेवाला का दौरा और ये बैठकें बेहद अहम मानी जा रही हैं।
डीके शिवकुमार पहले ही सुरजेवाला के दौरे की पुष्टि कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को कार्यक्रम की जानकारी दे दी गई है।
कर्नाटक कांग्रेस में उठते सवाल
- क्या कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन तय है?
- सिद्धारमैया के इस्तीफे पर अंतिम फैसला कब होगा?
- क्या पार्टी में अंदरुनी कलह से कांग्रेस की स्थिति कमजोर होगी?
इन सवालों के जवाब आने वाले कुछ हफ्तों में सामने आ सकते हैं। फिलहाल, कर्नाटक कांग्रेस में सियासी भूचाल साफ नजर आ रहा है।
निष्कर्ष
कर्नाटक कांग्रेस के भीतर की ये हलचल सिर्फ राज्य की राजनीति तक सीमित नहीं है। इसका असर दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक महसूस किया जा रहा है। आगामी दिनों में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य वरिष्ठ नेताओं के फैसले तय करेंगे कि राज्य में कांग्रेस की दिशा क्या होगी।