हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में कैलाश यात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते तांगलिंग क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे सैकड़ों तीर्थयात्री फंस गए।
हालांकि समय पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने एक साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और 413 लोगों को सुरक्षित बचा लिया।
क्या हुआ था घटनास्थल पर?
- किन्नौर जिले के तांगलिंग क्षेत्र में कैलाश यात्रा मार्ग पर अचानक बाढ़ आ गई।
- भारी बारिश के कारण यात्रा मार्ग का एक बड़ा हिस्सा बह गया, जिससे कई श्रद्धालु वहीं फंस गए।
- स्थानीय प्रशासन ने ITBP और NDRF से तत्काल सहायता मांगी।
ITBP का साहसी रेस्क्यू ऑपरेशन
बचाव अभियान में ITBP की 17वीं बटालियन ने मुख्य भूमिका निभाई। टीम ने रस्सी आधारित ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक का उपयोग कर कठिन रास्तों में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
इस ऑपरेशन में शामिल थे:
- 1 गजेटेड ऑफिसर
- 4 अधीनस्थ अधिकारी
- 29 जवान
- साथ में NDRF की 14 सदस्यीय टीम
इन सभी ने मिलकर तेज़ बहाव और टूटे रास्तों के बीच यात्रियों को सुरक्षित निकालने का कार्य किया।
रेस्क्यू अभी भी जारी है
बुधवार सुबह किन्नौर जिला प्रशासन को और भी तीर्थयात्रियों के फंसे होने की सूचना मिली। इसके बाद ITBP और NDRF की टीमें फिर से घटनास्थल पर भेजी गईं।
ITBP ने साफ किया है कि उनकी टीमें पूरी तत्परता से राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, और जब तक सभी लोग सुरक्षित नहीं हो जाते, अभियान जारी रहेगा।
आईटीबीपी ने क्या कहा?
ITBP ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा की:
“लगातार बारिश के कारण कैलाश यात्रा मार्ग पर दो अस्थायी पुल बह गए। डीसी किन्नौर के अनुरोध पर ITBP की टीम पर्वतारोहण उपकरणों और विशेष गियर के साथ तुरंत मौके पर भेजी गई।”
- AC/GD समीर के नेतृत्व में बचाव दल ने समय रहते अभियान को अंजाम दिया।
Responding to a requisition from DC Kinnaur, #ITBP has deployed a rescue team under AC/GD Sameer with mountaineering & RRC equipment after two makeshift bridges on the Kinner Kailash Yatra route were washed away due to incessant rains, leaving several yatris stranded.#Himveers pic.twitter.com/rjatUQeTEV
— ITBP (@ITBP_official) August 6, 2025
क्यों ज़रूरी है यह खबर?
- भारी बारिश, बादल फटना और बाढ़ जैसी आपदाएं पहाड़ी इलाकों में आम होती जा रही हैं।
- यह घटना एक उदाहरण है कि कैसे प्रशासनिक तैयारी और रेस्क्यू टीमों की तत्परता जान बचा सकती है।
- साथ ही, ये तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए भी चेतावनी है कि मौसम की स्थिति को नजरअंदाज न करें।
यात्रियों के लिए सुझाव
- पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से पहले मौसम विभाग की एडवाइजरी जरूर देखें।
- अधिकृत मार्ग और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
- आपदा के समय शांत रहें और ITBP, NDRF या प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
किन्नौर में आई इस बाढ़ के बावजूद 413 ज़िंदगियों को बचा लेना ITBP और NDRF की साहसिकता और कार्यकुशलता का प्रमाण है। लेकिन यह घटना भी याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाओं को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।