झांसी रेलवे स्टेशन पर शनिवार को एक महिला की अचानक प्रसव पीड़ा शुरू होने पर आर्मी डॉक्टर ने जो हिम्मत और इंसानियत दिखाई, वह हर किसी के लिए प्रेरणा है। महज पॉकेट नाइफ, हेयर क्लिप्स और धोती की मदद से महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई गई।
मेजर रोहित ने दिखाई बहादुरी और समझदारी
झांसी मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात 31 वर्षीय मेजर रोहित बचवाला, छुट्टी पर अपने परिवार से मिलने हैदराबाद जा रहे थे। वे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे तभी उन्होंने फुटओवर ब्रिज पर एक गर्भवती महिला को तेज दर्द में तड़पते देखा।
मेजर रोहित ने बिना समय गंवाए मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला। आसपास की महिला रेलवे स्टाफ ने तुरंत एरिया को सुरक्षित किया और डॉक्टर को ग्लव्स उपलब्ध कराए। सीमित संसाधनों में ही मेजर ने महिला की सफल डिलीवरी करवाई।
महिला और नवजात दोनों स्वस्थ
डिलीवरी के बाद महिला और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। तुरंत एम्बुलेंस बुलवाई गई और दोनों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मेजर रोहित ने कहा,
“एक महिला टीटीई उस गर्भवती महिला को व्हीलचेयर पर मेडिकल सहायता के लिए ले जा रही थी। जैसे ही वे लिफ्ट से निकलकर फुटओवर ब्रिज पर पहुंचे, महिला को अचानक तेज दर्द हुआ। मैंने तुरंत आगे बढ़कर जो भी संसाधन मेरे पास थे, उनका उपयोग करते हुए डिलीवरी करवाई।”
रेल प्रशासन ने दी जानकारी
उत्तर मध्य रेलवे के झांसी डिवीजन ने बयान जारी कर बताया कि महिला यात्री ने रेल मदद ऐप के जरिए मेडिकल सहायता मांगी थी। कंट्रोल रूम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मेडिकल टीम तैयार कर दी थी। जैसे ही ट्रेन पणवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस (15066) झांसी स्टेशन पर रुकी, महिला को प्लेटफॉर्म पर लाया गया।
महिला अपने पति और बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी। पति ने SOS भेजा था, जिसके बाद झांसी स्टेशन पर ट्रेन से उतारकर सहायता दी गई।
मेजर रोहित: एक सच्चे हीरो
हैदराबाद के रहने वाले मेजर रोहित बचवाला भारतीय वायुसेना में कार्यरत एक पूर्व सैनिक के बेटे हैं। उनकी सूझबूझ और मानवता ने साबित किया कि सैनिक सिर्फ सीमा पर ही नहीं, कहीं भी देशवासियों की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं।
रेलवे महिला स्टाफ ने मेजर रोहित का धन्यवाद देते हुए कहा,
“वो वक्त पर फरिश्ता बनकर आए और हालात को संभाल लिया।”
निष्कर्ष
झांसी स्टेशन पर हुई यह घटना न केवल इंसानियत का बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह भी बताती है कि आपदा के समय ठंडे दिमाग से लिया गया सही फैसला जान बचा सकता है।