इंदौर नगर निगम के उद्यान विभाग में कार्यरत सहायक अधीक्षक चेतन पाटिल के खिलाफ EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार सुबह EOW की टीम ने उनके गुलमोहर कॉलोनी स्थित घर और नगर निगम कार्यालय पर एक साथ छापा मारा।
क्यों हुई यह कार्रवाई?
चेतन पाटिल पर आरोप है कि उन्होंने अपनी नौकरी की अवधि के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। इस संबंध में EOW को कई इनपुट और शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
कार्रवाई का विवरण: दो जगहों पर एक साथ छापा
- पहली टीम पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी स्थित घर पर पहुंची और दस्तावेजों की गहन जांच शुरू की।
- दूसरी टीम नगर निगम स्थित उनके कार्यालय में जांच के लिए पहुंची। यहां छानबीन वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी में शुरू की गई।
जांच में क्या मिला?
EOW की टीम ने पाटिल के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। जांच का फोकस निम्नलिखित बिंदुओं पर है:
- बैंक पासबुक और खाता विवरण
- अचल संपत्तियों का रिकॉर्ड
- फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और अन्य निवेश
- नगदी और जमा पूंजी
- पाटिल व उनके रिश्तेदारों के नाम से खरीदी गई संपत्तियां
सूत्रों के अनुसार, पाटिल ने इंदौर के अलावा अन्य शहरों में भी अचल संपत्ति अर्जित की है।
कार्यालय से जुड़े लेन-देन की भी जांच
पाटिल के नगर निगम कार्यालय में भी जांच की जा रही है। यहां EOW की टीम पौधों की खरीदी, कटाई, ठेके (Tenders) और बिलों से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कहीं वित्तीय गड़बड़ी तो नहीं हुई।
EOW की अगली कार्रवाई क्या होगी?
ईओडब्ल्यू की टीमें जब्त किए गए दस्तावेजों और डेटा का विश्लेषण करेंगी। अगर आरोपों की पुष्टि होती है, तो पाटिल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। साथ ही, नगर निगम प्रशासन से भी उनका जवाब मांगा जा सकता है।
पारदर्शिता के लिए जरूरी है सख्त कार्रवाई
इस तरह की छापेमारी और जांच से यह स्पष्ट होता है कि सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। यदि दोष सिद्ध होता है, तो यह कार्रवाई अन्य अधिकारियों के लिए भी एक चेतावनी साबित हो सकती है।