भारत ने अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार समझौते की वार्ता में स्टील, ऑटो कॉम्पोनेंट्स और फार्मास्यूटिकल उत्पादों पर शुल्क-मुक्त (जीरो टैरिफ) आयात की पेशकश की है। यह प्रस्ताव पारस्परिक आधार (Reciprocal Basis) पर एक निश्चित मात्रा तक लागू होगा, जिसके बाद सामान्य आयात शुल्क लगेगा।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय व्यापार अधिकारियों ने यह प्रस्ताव अप्रैल के अंत में वाशिंगटन में अमेरिकी प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में रखा।
- इस समझौते का लक्ष्य 2025 के पतझड़ (Fall) तक द्विपक्षीय व्यापार सौदे को अंतिम रूप देना है।
- यदि आयात एक निर्धारित सीमा से अधिक होता है, तो उस पर मानक आयात शुल्क (Regular Duties) लागू होंगे।
इस समझौते का महत्व:
- स्टील और ऑटो सेक्टर को फायदा: अमेरिका से स्टील और ऑटो पार्ट्स का आयात सस्ता होगा, जिससे भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
- फार्मास्यूटिकल्स में सहयोग: दवाओं पर शुल्क घटने से भारत-अमेरिका के बीच स्वास्थ्य सेक्टर में साझेदारी बढ़ सकती है।
- व्यापार संतुलन: यह सौदा दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे को संतुलित करने में मदद करेगा।
आगे की राह:
दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है, और अंतिम समझौते में अन्य उत्पादों और सेवाओं को भी शामिल किया जा सकता है। इससे भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष:
भारत की यह पहल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है। यदि यह समझौता हो जाता है, तो इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को फायदा होगा।