नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड में देशवासियों को स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी उपलब्धि की जानकारी दी। पीएम मोदी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को ‘ट्रेकोमा-फ्री’ घोषित कर दिया है। यह घोषणा भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था और रोग नियंत्रण प्रयासों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।
क्या है ट्रेकोमा? जानिए इस खतरनाक बीमारी के बारे में
ट्रेकोमा एक संक्रामक नेत्र रोग है, जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी दुनिया के कई हिस्सों में अंधत्व (Blindness) का प्रमुख कारण रही है।
ट्रेकोमा के प्रमुख लक्षण:
- आंखों में जलन और लालपन
- पलकों की अंदरूनी सतह पर सूजन
- पलकों का अंदर की ओर मुड़ना
- लगातार आंखों में खुजली और संक्रमण
- गंभीर स्थिति में स्थायी अंधापन
यदि समय रहते इसका इलाज न हो, तो यह आंखों की रोशनी पर गंभीर असर डाल सकता है।
भारत ने कैसे हासिल की यह उपलब्धि?
पीएम मोदी ने बताया कि कभी देश के कई हिस्सों में ट्रेकोमा आम बीमारी हुआ करती थी। खासकर, गरीब और ग्रामीण इलाकों में यह तेजी से फैलती थी। इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इसे जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया था।
सरकार द्वारा उठाए गए अहम कदम:
- व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
- स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र परीक्षण कार्यक्रम
- साफ-सफाई और स्वच्छता पर विशेष जोर
- जरूरतमंद लोगों को समय पर दवाएं और इलाज उपलब्ध कराना
- विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा नियमित निगरानी
लगातार इन प्रयासों के कारण भारत ने ट्रेकोमा पर नियंत्रण पा लिया और WHO ने भारत को औपचारिक रूप से ट्रेकोमा-फ्री घोषित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा,
“ये हम सभी के लिए गर्व की बात है कि हमने इस गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म कर दिया है। यह सफलता स्वास्थ्यकर्मियों, वैज्ञानिकों और आम नागरिकों के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है।”
उन्होंने स्वास्थ्य जागरूकता और स्वच्छता बनाए रखने की अपील भी की, ताकि भविष्य में भी भारत ऐसी उपलब्धियों को दोहरा सके।
ट्रेकोमा-फ्री भारत का क्या है महत्व?
WHO द्वारा ट्रेकोमा-फ्री का दर्जा मिलना न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय के लिए भी बड़ी उपलब्धि है। इससे भारत की साख में इजाफा हुआ है और यह स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती का संकेत देता है।
इसके फायदे:
✔ आंखों की बीमारियों पर नियंत्रण
✔ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की वैश्विक पहचान
✔ भविष्य में अन्य संक्रामक रोगों के खिलाफ अभियान को बल
✔ ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर हुईं
दुनिया में ट्रेकोमा की स्थिति
हालांकि भारत ने ट्रेकोमा पर विजय पा ली है, लेकिन अफ्रीका और कुछ विकासशील देशों में यह बीमारी अभी भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। WHO लगातार वैश्विक स्तर पर इसके उन्मूलन के लिए अभियान चला रहा है।
निष्कर्ष
ट्रेकोमा से भारत की मुक्ति एक मिसाल है कि संगठित प्रयास, जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से कोई भी बीमारी काबू में लाई जा सकती है। भारत के इस कदम ने साबित कर दिया कि यदि सरकार, विशेषज्ञ और आम लोग मिलकर प्रयास करें, तो कोई भी स्वास्थ्य संकट बड़ा नहीं रह जाता।
जरूरी सुझाव
- आंखों में जलन या लालपन महसूस हो तो नजरअंदाज न करें।
- नियमित नेत्र जांच कराएं।
- साफ-सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- बच्चों में आंखों की समस्या दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।