आयकर विभाग का नया नोटिस: क्या है मामला?
भारतीय मध्यम वर्ग का आयकर के साथ पहले से ही जटिल रिश्ता अब और अजीब मोड़ लेता दिख रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक पोस्ट में आयकर विभाग के एक नोटिस का जिक्र है, जिसमें करदाता से उनकी निजी खर्चों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। इस नोटिस ने ऑनलाइन यूजर्स के बीच गुस्सा और हैरानी पैदा कर दी है।

नोटिस में क्या-क्या मांगा गया?
सोशल मीडिया पर चर्चा के अनुसार, आयकर विभाग ने एक करदाता से मासिक राशन के खर्च का पूरा ब्योरा देने को कहा है, जिसमें हर सामान की मात्रा और कीमत शामिल है। हैरानी की बात यह है कि इसमें बाल कटाई (हेयरकट) जैसी छोटी-छोटी चीजों की लागत की जानकारी भी मांगी गई है।
क्या कहता है कानून?
आयकर नियमों के तहत, कर अधिकारी किसी व्यक्ति के खर्चों की जांच उनके बैंक रिकॉर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड लेनदेन और नकद निकासी के आधार पर कर सकते हैं। इसका उद्देश्य कर अनुपालन सुनिश्चित करना और अघोषित आय का पता लगाना है।
सिंहानिया एंड कंपनी की पार्टनर रितिका नय्यर के अनुसार, “अगर खर्चे बैंक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते और बहुत ज्यादा दिखाई देते हैं, तो करदाता से खर्चों का विस्तृत विवरण मांगा जा सकता है। यह प्रक्रिया यह जांचने के लिए होती है कि कहीं कोई आय, खासकर नकद आय, छिपाई तो नहीं गई है।”
कितना उचित है यह दखल?
आयकर विभाग बड़े खर्चों जैसे चिकित्सा बिल, विदेश यात्रा, जीवनशैली (रेस्तरां, मनोरंजन), घरेलू खर्च (किराना, बिजली बिल, नौकरों की सैलरी) और निवेश (प्रॉपर्टी, शेयर, ज्वेलरी) की जानकारी मांग सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मासिक किराने की वस्तुओं की सटीक मात्रा, कपड़ों की खरीदारी, परफ्यूम, सैलून विजिट या रिश्तेदारों को दिए गए उपहारों जैसी छोटी-छोटी बातों की जांच निजता में अनावश्यक हस्तक्षेप लगती है।
रितिका नय्यर ने कहा, “ऐसी बारीक जांच विभाग के अधिकार क्षेत्र में हो सकती है, लेकिन यह निजता के सम्मान और जांच के उचित दायरे को लेकर सवाल खड़े करती है।”
क्यों हो रही है चर्चा?
यह नोटिस इसलिए भी सुर्खियों में है क्योंकि यह आम लोगों की जिंदगी में कर विभाग की बढ़ती दखलअंदाजी को दर्शाता है। अगर आपका खर्च आपकी घोषित आय से मेल नहीं खाता, तो आपको भी ऐसे नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।
क्या करें करदाता?
- अपनी आय और खर्च का सही रिकॉर्ड रखें।
- बड़े लेनदेन का हिसाब बैंक स्टेटमेंट के साथ जोड़ें।
- नोटिस मिलने पर विशेषज्ञ से सलाह लें।
निष्कर्ष
आयकर विभाग का यह कदम कर चोरी रोकने के लिए हो सकता है, लेकिन बाल कटाई और परफ्यूम जैसे खर्चों की जानकारी मांगना कई लोगों को परेशान कर रहा है। क्या यह वास्तव में जरूरी है, या यह निजता पर हमला है? इस पर बहस जारी है।
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