BY: Yoganand Shrivastva
संभल (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां भाजपा के जिला मंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने खुद अपनी पैतृक 70 साल पुरानी पांच दुकानों को हथौड़े से तोड़ डाला। यह फैसला उन्होंने लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा नोटिस मिलने के बाद लिया, जिसमें उनकी दुकानों को अवैध निर्माण घोषित किया गया था।
जयप्रकाश गुप्ता का यह कदम इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। इस पूरी कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी नेता खुद दुकान को तोड़ते नजर आ रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
हयात नगर-बहजोई मार्ग पर स्थित 22 दुकानों और निर्माणों को लोक निर्माण विभाग ने अतिक्रमण की श्रेणी में डालते हुए नोटिस जारी किया था। इनमें बीजेपी नेता जयप्रकाश गुप्ता की पांच दुकानें भी शामिल थीं। प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि सड़क चौड़ीकरण के लिए सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
70 साल पुराने निर्माण पर उठे सवाल
जयप्रकाश गुप्ता की ये दुकानें करीब सात दशक पुरानी थीं, जिन्हें उन्होंने अपने परिवार की विरासत बताया। लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर ये दुकानें अवैध थीं, तो इतने वर्षों तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
बीजेपी नेता का बयान
जयप्रकाश गुप्ता ने बताया:
“मेरी पांचों दुकानें 12 फीट की थीं, जबकि पीडब्ल्यूडी ने 6 फीट तक निर्माण हटाने के आदेश दिए थे। हमने खुद आगे आकर पूरी ईमानदारी से आदेश का पालन किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नियमों के तहत काम कर रही है और वे भी नियमों से ऊपर नहीं हैं।
गुलाब देवी का उदाहरण फिर चर्चा में
इससे पहले यूपी की माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने भी चंदौसी स्थित अपने आवास के बाहर बनी दुकान को तोड़ कर प्रशासनिक नियमों के पालन का उदाहरण पेश किया था। अब जयप्रकाश गुप्ता का यह कदम उसी कड़ी में देखा जा रहा है।
जयप्रकाश गुप्ता द्वारा खुद की दुकानें तोड़ना एक राजनीतिक और सामाजिक संदेश की तरह देखा जा रहा है—कि कानून सबके लिए बराबर है। हालांकि, यह भी बहस का विषय बना हुआ है कि अगर ये दुकानें वास्तव में अवैध थीं, तो 70 वर्षों तक इन्हें किस आधार पर बर्दाश्त किया गया?
इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन की सक्रियता, नियमों की पारदर्शिता और नेताओं की जवाबदेही जैसे अहम मुद्दों को फिर से जनता के सामने ला दिया है।