BY: Yoganand Shrivastva
नोएडा (उत्तर प्रदेश) – नोएडा के सेक्टर-2 में शुक्रवार सुबह एक पेंट और केमिकल निर्माण करने वाली निजी फैक्ट्री में भीषण आग लग गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। आग की ऊंची लपटें और काले धुएं का गुबार कई किलोमीटर दूर से देखा गया।
फायर ब्रिगेड की 30 से अधिक गाड़ियों की मदद से तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि, कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन घटना ने औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे लगी आग?
मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे के अनुसार, सुबह लगभग 6 बजे थाना फेस-1 क्षेत्र के अंतर्गत स्थित शाम पेंट इंडस्ट्री में आग लगने की सूचना मिली। शुरुआती तौर पर 7 दमकल वाहन मौके पर पहुंचे, लेकिन जैसे-जैसे आग ने विकराल रूप लिया, आसपास के जिलों से और निजी संस्थानों से भी दमकल गाड़ियों को बुलाया गया।
धमाकों से गूंज उठा इलाका
कारखाने में रखे पेंट और केमिकल से भरे डिब्बे आग की चपेट में आकर फटने लगे, जिससे जोरदार धमाके हुए। धमाकों के कारण आग तेजी से फैलने लगी और पास की फैक्ट्रियों तक इसकी चपेट में आने का खतरा बढ़ गया।
तीन घंटे बाद नियंत्रित हुई आग
फायर ब्रिगेड की 30 गाड़ियों और दमकलकर्मियों की कड़ी मशक्कत के बाद करीब तीन घंटे में आग पर पूरी तरह नियंत्रण पाया गया। सौभाग्यवश, आग लगने के समय फैक्ट्री में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली।
प्रशासन अलर्ट, सुरक्षा जांच के निर्देश
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस हादसे के बाद संबंधित विभागों को फैक्ट्रियों की फायर सेफ्टी जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, यह भी जांच की जाएगी कि फैक्ट्री में अग्निशमन उपकरण और सुरक्षा मानक लागू किए गए थे या नहीं।
नोएडा की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि रासायनिक और ज्वलनशील वस्तुओं से संबंधित उद्योगों में उच्च स्तरीय सावधानी और निगरानी आवश्यक है। समय पर दमकल विभाग की कार्रवाई से बड़ी तबाही टल गई, लेकिन यह घटना औद्योगिक सुरक्षा के प्रति एक गंभीर चेतावनी है।