BY: Yoganand Shrivastva
आज प्रियंका चोपड़ा सिर्फ बॉलीवुड की ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल सिनेमा की एक चर्चित और सम्मानित चेहरा बन चुकी हैं। लेकिन उनके सफर की शुरुआत इतनी आसान नहीं थी। अब जब वे दुनिया भर में अपने टैलेंट और व्यक्तित्व से पहचान बना चुकी हैं, तो उनके संघर्षों और आलोचनाओं की कहानियां भी एक-एक कर सामने आ रही हैं। इन्हीं में से एक किस्सा साझा किया है दिग्गज अभिनेत्री स्मिता जयकर ने, जिन्होंने स्वीकारा कि उन्होंने करियर के शुरुआती दिनों में प्रियंका को उनके रंग और कद-काठी के आधार पर जज किया था।
जब प्रियंका को देखकर बना ‘मुंह’
एक मीडिया इंटरव्यू में स्मिता जयकर ने खुलासा किया कि उन्होंने प्रियंका चोपड़ा के साथ फिल्म ‘किस्मत’ में काम किया था, जिसमें प्रियंका उनकी बेटी की भूमिका में थीं। जब उन्हें पहली बार बताया गया कि प्रियंका इस भूमिका को निभाएंगी, तो वे बहुत खुश नहीं हुईं। उनका रिएक्शन था –
“हे भगवान! ये कैसे लोग हीरोइन बनने आ जाते हैं?“
स्मिता जयकर ने बताया कि उस समय प्रियंका बेहद दुबली-पतली और सांवली थीं, और उन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि वह हीरोइन बनने लायक हैं। उनका यह रिएक्शन एक पूर्वग्रह से भरा हुआ था, जिसका उन्हें बाद में पछतावा हुआ।
“मैंने प्रियंका को देखकर कर दिया था जज” – स्मिता जयकर
स्मिता ने इंटरव्यू में स्वीकार किया कि प्रियंका के प्रति उनका नजरिया शुरू में बिल्कुल सतही था। उन्होंने कहा –
“जब मैंने पहली बार प्रियंका को देखा तो मैंने मन ही मन सोच लिया कि ये लड़की एक्ट्रेस कैसे बन सकती है। लेकिन मुझे नहीं पता था कि ये वही लड़की आगे चलकर ग्लोबल स्टार बनेगी।”
उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि उस वक्त प्रियंका के लुक्स को देखकर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ था कि वह इंडस्ट्री में टिक पाएंगी।
“अब सोचती हूं कि मैंने कितना गलत जज किया”
स्मिता जयकर ने अपने उस सोच पर गहरी आत्ममंथन करते हुए कहा –
“आज प्रियंका को देखती हूं तो हैरान रह जाती हूं। उन्होंने अपने आप को इतना ट्रांसफॉर्म किया, और इतनी ग्रेस और कॉन्फिडेंस के साथ अपनी पहचान बनाई कि मैं कहती हूं – क्या एक्ट्रेस है वो, शानदार। उस वक्त मैंने जो भी सोचा, उस पर मुझे पछतावा है। इससे मैंने सीखा कि कभी किसी को सिर्फ चेहरे या शरीर से जज नहीं करना चाहिए।”
प्रियंका का सफर: सुंदरता से ज्यादा संघर्ष
प्रियंका चोपड़ा भले ही मिस वर्ल्ड रह चुकी हैं, लेकिन उनका बॉलीवुड करियर हमेशा आसान नहीं रहा। करियर के शुरुआती दौर में उन्हें उनके सांवले रंग और दुबले शरीर को लेकर लगातार आलोचनाएं झेलनी पड़ीं। खुद प्रियंका कई बार इस बात को इंटरव्यू में स्वीकार कर चुकी हैं कि उन्हें ‘नॉन-ग्लैमरस’ कहा गया, और उन्हें ‘ब्यूटी स्टैंडर्ड’ में फिट नहीं माना गया।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी स्किल्स पर काम किया, खुद को निखारा और आज वे न सिर्फ एक टैलेंटेड एक्ट्रेस, बल्कि प्रोड्यूसर, सोशल एक्टिविस्ट और ग्लोबल आइकन बन चुकी हैं।
प्रियंका: अब एक ‘ग्लोबल डीवा’
आज प्रियंका चोपड़ा न सिर्फ बॉलीवुड, बल्कि हॉलीवुड में भी एक जाना-माना नाम हैं। ‘क्वांटिको’, ‘बेवॉच’, ‘सिटाडेल’, और अब ‘हेड्स ऑफ स्टेट’ जैसी इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स में वे मुख्य भूमिकाएं निभा रही हैं। साथ ही वे यूनिसेफ की गुडविल एंबेसडर, महिला अधिकारों की समर्थक और प्रेरणादायक वक्ता भी हैं।
कभी मत जज करो किसी को उसके रूप से
प्रियंका चोपड़ा की कहानी हमें एक बहुत गहरी सीख देती है — कभी किसी को उसके रंग, शरीर या शुरुआती लुक से मत आंकिए। दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिभाएं अक्सर पहले नजरों में नहीं आतीं, लेकिन मेहनत, आत्मविश्वास और लगन से वे वह मुकाम हासिल करती हैं जो सबको चौंका देता है।
और यही बात अभिनेत्री स्मिता जयकर ने भी बखूबी मानी –
“अब मैं कभी किसी को देखकर यह नहीं सोचती कि ये हीरो/हीरोइन कैसे बन सकते हैं… क्योंकि प्रियंका ने सिखा दिया कि ‘आप कुछ भी कर सकते हैं’।”