हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएं सामने आ रही हैं। अब तक 37 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से अधिक लोग लापता हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 7 जुलाई तक कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।
भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही
हिमाचल प्रदेश में जारी मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार:
- 37 लोगों की मौत और 40 लोग लापता
- 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति को नुकसान
- सबसे अधिक प्रभावित जिला: मंडी
भारी बारिश से नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर अचानक बाढ़ के हालात बन गए हैं।
ऑरेंज अलर्ट: किन जिलों में जारी है चेतावनी?
IMD द्वारा जारी ताजा अलर्ट के मुताबिक:
- 5 जुलाई: शिमला, सोलन और सिरमौर
- 6 जुलाई: ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा और मंडी
- अन्य जिलों में येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा
इन अलर्ट का मतलब है कि इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ और सड़क अवरोध की संभावना है।
मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित
मंडी में स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। यहां अब तक:
- 11 लोगों की मौत
- 34 लोग लापता
- कई मकान और सड़कें ध्वस्त
- बिजली और पानी जैसी जरूरी सेवाएं ठप
NDRF, SDRF, पुलिस और प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। जो गांव बाहरी संपर्क से कट गए हैं, वहां हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
राज्यभर में क्या है स्थिति?
हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों में भी हालात बेहद खराब हैं:
- 250 से अधिक सड़कें बंद
- 500 से ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद
- 700 से अधिक जल योजनाएं प्रभावित
- शिमला में स्कूलों में पानी भर गया, जिससे पढ़ाई ठप है
सरकार ने सभी संबंधित एजेंसियों को हाई अलर्ट मोड पर रखा है।
क्या करें और क्या न करें: सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव
बारिश के इस दौर में आम जनता को कुछ जरूरी एहतियात बरतनी चाहिए:
सुरक्षित जगहों पर रहें
अनावश्यक यात्रा से बचें
नदी और नालों से दूर रहें
मौसम विभाग और प्रशासन की सलाहों का पालन करें
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है और स्थिति अभी और बिगड़ सकती है। IMD की चेतावनी को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और आपदा राहत टीमें लगातार सक्रिय हैं। लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।