रिपोर्ट – उमेश डहरिया, कोरबा
कोरबा। शनिवार दोपहर कोरबा में मौसम ने अचानक करवट ली और तेज आंधी, बारिश, बिजली की गड़गड़ाहट और चमक के साथ आई इस प्राकृतिक आपदा ने शहर में भारी तबाही मचा दी। देखते ही देखते तेज हवाओं ने कई घरों के छज्जे उड़ा दिए, पेड़ और बिजली के खंभे जमींदोज हो गए, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
सबसे ज्यादा नुकसान वार्ड नंबर 30 मानिकपुर बस्ती में देखा गया, जहां तेज तूफान के कारण कई मकानों की छतें उड़ गईं और घरेलू सामान को भारी नुकसान हुआ। वहीं, सरकारी राशन दुकान की छत उड़ने से गोदाम में रखे कई क्विंटल अनाज बारिश में भीगकर बर्बाद हो गए।
तेज बारिश के कारण शहर की निचली बस्तियों में पानी भर गया, नालियों का पानी सड़कों और दुकानों में घुस गया। कई इलाकों की सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है। वार्ड में शनिवार रात से ही विद्युत व्यवस्था ठप है। बिजली विभाग के कर्मचारी आपूर्ति बहाल करने में जुटे हुए हैं, लेकिन मरम्मत कार्य में अभी और समय लग सकता है।
वार्ड पार्षद ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और संबंधित विभागों को राहत कार्य के लिए सूचित किया। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द राहत पहुंचाने और नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है।
वहीं, स्थानीय लोग अपने घरों से बाहर निकलकर पूरी रात जागते रहे। कई इलाकों में लोग अब भी डर के साये में हैं और प्रशासन से शीघ्र सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।
कोरबा में आए इस अचानक प्राकृतिक संकट ने एक बार फिर दिखा दिया कि आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता है। प्रशासन से मांग है कि वह जल्द राहत और पुनर्वास के कार्य को तेज़ी से अंजाम दे।