रिपोर्ट: रूपेश कुमार दास
हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक अजीबो-गरीब व्यवस्था के चलते चर्चा में है। यहां मरीजों के परिजनों को व्हीलचेयर लेने के लिए मोबाइल फोन या वाहन की चाभी गिरवी रखनी पड़ रही है, जिससे मरीज और उनके परिवार बेहद असहज और अपमानित महसूस कर रहे हैं।
मोबाइल और चाभी गिरवी रखकर मिलती है सुविधा
मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में व्हीलचेयर की उपलब्धता तो है, लेकिन उसे अस्थायी रूप से इस्तेमाल करने के लिए उन्हें कोई जरूरी सामान जैसे मोबाइल या चाभी गिरवी रखना होता है।
उनका कहना है कि
“आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन एक बुनियादी आवश्यकता है। इससे न केवल जरूरी संपर्क साधा जाता है, बल्कि ऑनलाइन भुगतान, जांच रिपोर्ट और जानकारी भी ली जाती है। ऐसे में मोबाइल को गिरवी रखने की शर्त बेहद असहज और अपमानजनक है।“
विधायक ने उठाया मुद्दा, समिति को दी जानकारी
यह मामला जब सदर विधायक प्रदीप प्रसाद के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए विधानसभा निरीक्षण समिति को इसकी सूचना दी।
विधायक का कहना है,
“अस्पताल की अव्यवस्था के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेदार है। बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा।“
अधीक्षक का दावा: दिए गए हैं स्पष्ट निर्देश
इस मामले पर जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनुकरण पूर्ति से बात की गई तो उन्होंने माना कि
“पहले ऐसी समस्या थी, लेकिन अब सभी विभागों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी मरीज या परिजन से कोई सामान गिरवी नहीं लिया जाए। अगर अब भी यह प्रथा जारी है, तो जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।“
व्हीलचेयर की वापसी न होना बनी वजह
अस्पताल की एक नर्स ने बताया कि
“अक्सर मरीज के परिजन व्हीलचेयर को उपयोग के बाद लौटाते नहीं हैं, जिससे भविष्य के मरीजों को दिक्कत होती है। इसी कारण अस्पताल कर्मियों ने ‘गिरवी’ की व्यवस्था अपनी तरफ से शुरू कर दी।“
उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर वार्ड में एक-एक वार्ड बॉय की तैनाती हो जाए तो इस समस्या का स्थायी समाधान निकल सकता है।