यूपी के गैंगस्टर पर बड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एक बार फिर कानून का डंडा उन माफियाओं पर चला है जो जेल में होते हुए भी अपनी काली कमाई को छुपाने में लगे रहते हैं। हरदोई प्रशासन ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए कुख्यात माफिया अनुपम दुबे की 1 करोड़ 94 लाख रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है।
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अनुपम दुबे इस समय मथुरा जेल में बंद है और इंस्पेक्टर रामनिवास हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
🏛️ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई कैसे हुई?
- कब और कहां की गई कार्रवाई:
हरदोई जिले के सवायजपुर गांव में यह संपत्ति कुर्क की गई। - किसके नाम पर थी जमीन:
अनुपम दुबे ने यह जमीन 2019 में अपने भाई अमित दुबे के नाम खरीदी थी। यह जमीन गन्ना कृषक विद्यालय के पास स्थित है और कुल 2820 वर्ग मीटर कृषि भूमि है। - किस आदेश पर हुई कुर्की:
फर्रुखाबाद जिलाधिकारी के न्यायालय ने गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कुर्की करने का आदेश दिया था।
📜 अनुपम दुबे का आपराधिक और राजनीतिक इतिहास
- राजनीति में भी आजमाया हाथ:
अनुपम दुबे ने 2017 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर सवायजपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा था। हालांकि, उसे हार का सामना करना पड़ा और वह तीसरे स्थान पर रहा था। - गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई:
फर्रुखाबाद प्रशासन ने अनुपम और उसके भाइयों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। - वर्तमान स्थिति:
वह इस समय मथुरा जेल में बंद है और इंस्पेक्टर मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
🕵️♂️ प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
- कब जारी हुआ था आदेश:
फर्रुखाबाद के जिलाधिकारी ने 3 अप्रैल 2025 को कुर्की का आदेश दिया था। - कार्रवाई में देरी क्यों?
30 अप्रैल 2025 को हरदोई के तत्कालीन जिलाधिकारी ने SDM सवायजपुर को कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन करीब दो महीने बाद ही कुर्की की गई। - देरी पर सवाल:
कोर्ट के आदेश के बावजूद कुर्की में हुई देरी से तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
📌 मुख्य बिंदु एक नजर में
- माफिया अनुपम दुबे की 1.94 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क
- संपत्ति भाई अमित दुबे के नाम थी
- गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई
- इंस्पेक्टर मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है अनुपम
- 2017 में BSP के टिकट पर चुनाव लड़ चुका है
- प्रशासन ने 2 महीने की देरी से की कार्रवाई
🧾 निष्कर्ष: अपराध पर प्रशासन की सख्ती लेकिन समय पर कार्रवाई जरूरी
हरदोई में माफिया अनुपम दुबे पर हुई कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है, जो दिखाता है कि कानून से बच पाना अब आसान नहीं। हालांकि, न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रशासनिक लेट-लतीफी चिंता का विषय है। यदि समय रहते कार्रवाई की जाए तो माफिया नेटवर्क को तोड़ना और भी आसान हो सकता है।