Mohit Jain
ग्वालियर की मंडी में इन दिनों ज्वार की आवक कम है और अधिकांश फसल खराब बताई जा रही है। मंडी कारोबारियों के अनुसार, आ रही ज्वार में से लगभग 80% खाने योग्य नहीं है, लेकिन राजस्व विभाग ने सर्वे में केवल धान की फसल को ही नुकसान में माना।

राजस्व टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में 1055 किसानों की धान फसल को नुकसान बताया गया है। कुल रकबा 614.81 हेक्टेयर में घाटीगांव के 172 किसानों की 99 हेक्टेयर और मुरार ग्रामीण के 3 किसानों की 1.08 हेक्टेयर धान खराब बताई गई। जबकि मुरार और घाटीगांव में ज्वार-बाजरा की खेती सर्वाधिक है, इन्हें नुकसान में शामिल नहीं किया गया।
मुआवजा और मंडी की स्थिति
मुरार और घाटीगांव के धान किसानों ने क्रमशः 20 हजार और 10 लाख रुपये मुआवजा मांगा है, जो अभी तक नहीं मिला। दीनारपुर मंडी के अध्यक्ष रूपेश गोयल ने बताया कि पहले रोज 2000 किसान मंडी आते थे, अब मुश्किल से 500 ही आ रहे हैं। इस बार ज्वार की क्वालिटी खराब होने के कारण मंडी में केवल 700 क्विंटल ज्वार आ रहा है।
कीमतें और क्वालिटी
बुरी क्वालिटी का ज्वार 1500 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि अच्छी क्वालिटी का ज्वार 2500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा जा रहा है।
फसल और मकान नुकसान पर राजनीतिक सवाल
अतिवर्षा से हुई फसल और मकानों की क्षति पर विधायक विधानसभा में सवाल उठा चुके हैं। भाजपा विधायक मोहन सिंह राठौर ने फसल नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट मांगी, जबकि कांग्रेस के साहब सिंह और सतीश सिकरवार ने सर्वे की सटीकता और मकानों की क्षति पर प्रश्न उठाए।





