भोपाल के कम्यूनिटी हॉल मारूतिनंदन कॉम्प्लेक्स, सहयोग विहार में मंगलवार को राजधानी निमाड़ समाज द्वारा पद्मश्री जगदीश जोशीला का भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर हॉल खचाखच भरा हुआ था और बाहर तक लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का आनंद ले रहे थे।
कार्यक्रम की खास बातें
- मुख्य अतिथि: श्री विश्वास सारंग, मंत्री (सहकारिता एवं खेल एवं युवा कल्याण), प्रभारी मंत्री खरगोन निमाड़
- विशिष्ट अतिथि:
- श्री बालकृष्ण पाटीदार, विधायक खरगोन
- श्री सचिन यादव, विधायक कसरावद
- श्री पी.सी. शर्मा, पूर्व मंत्री
सभी अतिथियों का स्वागत निमाड़ समाज के संरक्षक अधिवक्ता श्री ओम पाटीदार ने पुष्पमालाओं से किया।
पद्मश्री जगदीश जोशीला का सम्मान
अतिथियों ने शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर पद्मश्री जगदीश जोशीला का सम्मान किया।
सम्मान समारोह का संचालन डॉ. रवि ठक्कर (इंदौर) ने किया।
इस अवसर पर श्रीमती सोनल पाटीदार, श्रीमती पार्वती जाधव, श्रीमती राधा यादव और कु. परिधि गुप्ता ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
निमाड़ी भाषा का गौरव
इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता रही कि
- विधायक सचिन यादव,
- विधायक बालकृष्ण पाटीदार और
- पूर्व मंत्री पी.सी. शर्मा
ने पूरा उद्बोधन निमाड़ी भाषा में दिया।
पद्मश्री जगदीश जोशीला ने भी अपना संबोधन निमाड़ी भाषा में ही करते हुए कहा:
“निमाड़ी भाषा निमाड़ की माँ है। हमें इसे राज्य भाषा का दर्जा दिलाने और जनगणना में निमाड़ी भाषा लिखवाने का संकल्प लेना होगा।”
अतिथियों के विचार
- बालकृष्ण पाटीदार: “जोशीला जी ने निमाड़ी भाषा के लिए जो तपस्या की, उसका परिणाम है कि आज उन्हें पद्मश्री मिला।”
- सचिन यादव: “यह सम्मान सिर्फ जोशीला जी का नहीं, बल्कि पूरे निमाड़ और निमाड़ी भाषा का सम्मान है।”
- पी.सी. शर्मा: “उन्होंने अपनी साहित्यिक साधना से निमाड़ी भाषा को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।”
- विश्वास सारंग: “जोशीला जी ने निमाड़ को पूरे भारत में प्रतिष्ठा दिलाई है। उनका सम्मान करना गर्व का विषय है।”
निमाड़ संभाग की मांग
इस अवसर पर ओम पाटीदार ने निवेदन किया कि
“निमाड़ 4 जिलों — बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और बड़वानी तक फैला है। साथ ही धार जिले में भी निमाड़ी बोली जाती है। अतः खरगोन को निमाड़ संभाग बनाया जाना चाहिए।”
सांस्कृतिक प्रस्तुति और भोज
कार्यक्रम में खण्डवा के सुप्रसिद्ध गायक प्रवीण चौबे ने “ये झामरू, ये झामरू” गीत प्रस्तुत कर माहौल को उत्साहपूर्ण बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में समाज के लोगों के लिए भोज का भी आयोजन किया गया।