BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल के ऐशबाग क्षेत्र में बनाए गए रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) के निर्माण में गंभीर लापरवाही सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (PWD) के 8 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं, एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री (SE) के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है।
किस लापरवाही पर हुई कार्रवाई?
भोपाल के ऐशबाग इलाके में करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ यह ओवरब्रिज अब 90 डिग्री के तीखे मोड़ को लेकर विवादों में है। आम जनता और वाहन चालकों का कहना है कि यह मोड़ भविष्य में दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। इस संरचनात्मक खामी को देखते हुए सरकार ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए तत्काल कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी देते हुए कहा:
“ऐशबाग ROB के त्रुटिपूर्ण डिजाइन के लिए जिम्मेदार निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। साथ ही ROB में जरूरी सुधारों के लिए विशेष कमेटी बनाई गई है। सुधार कार्यों के बाद ही इसका लोकार्पण किया जाएगा।”
निलंबित अधिकारी और इंजीनियरों की सूची:
- जीपी वर्मा – मुख्य अभियंता
- संजय खंडे – मुख्य अभियंता
- जावेद शकील – कार्यपालन यंत्री
- शबाना रजक – कार्यपालन यंत्री (डिजाइन)
- सोनल सक्सेना – सहायक यंत्री (डिजाइन)
- उमाशंकर मिश्रा – उपयंत्री
- रवि शुक्ला – उपयंत्री
- एमपी सिंह – सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री (SE) – विभागीय जांच के आदेश
जनता में नाराज़गी और सवाल
इस ROB को बनाने में करीब 8 साल का समय लगा, लेकिन इसके निर्माण की गुणवत्ता और डिजाइन पर अब सवाल उठ रहे हैं। खासकर 90 डिग्री मोड़ को लेकर स्थानीय लोगों में नाराजगी है। नागरिकों का कहना है कि इस तरह की डिजाइन लोगों की जान से खिलवाड़ है।